राजधानी में सरकार की नाक के नीचे ड्रग फैक्ट्री चलने के पीछे भाजपा का संरक्षण – उमंग सिंघार

मध्य प्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता श्री उमंग सिंगार ने भोपाल में बड़ी मात्रा में पकड़ी गई एमडी ड्रग मामले पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की प्रतिक्रिया पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि भाजपा को इस मामले में गंभीरता से विचार करना चाहिए कि इतना बड़ा ड्रग रैकेट राजधानी के पास कैसे पनपा और मोहन यादव सरकार को खबर तक नहीं लगी। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा अध्यक्ष का यह कहना गलत है कि गुजरात की टीम के साथ मध्य प्रदेश पुलिस का संयुक्त अभियान था। क्योंकि, ऐसी कोई जानकारी गुजरात की टीम के जारी प्रेस नोट में नहीं दी गई। भाजपा अपने नेताओं के इस ड्रग माफिया से संबंधों से बचने के लिए कांग्रेस पर उंगली उठा रही है, जो गलत है

उमंग सिंगार ने कहा कि वीडी शर्मा जी आप भोपाल में एमडी ड्रग का जखीरा पकड़े जाने से इतना तिलमिला क्यों रहे हैं? भोपाल में एमडी ड्रग की फैक्ट्री एक दिन में तो नहीं बनी, यहां से तो कई महीनों से ड्रग बनाकर सप्लाय भी की रही थी। प्रदेश में भाजपा की सरकार होते हुए राजधानी में ही एमडी ड्रग की फैक्ट्री चलना ही अपने आपमे बड़ी घटना है, इसे दूसरे राज्यों की घटनाओं से ढकने की कोशिश न करें। जो सच है, वो प्रदेश की जनता के सामने है और सभी ने उसे देख भी लिया और समझ भी लिया

नेता प्रतिपक्ष ने यह भी कहा कि जिस प्रदेश के मुख्यमंत्री के पास गृह विभाग हो, फिर भी वहां राजधानी में इतना बड़ा ड्रग कारोबार चलना साफ बताता है कि कहीं न कहीं सरकार के तार इस गिरोह से जुड़े हैं। एक आरोपी हरीश आंजना के संपर्कों और भाजपा नेताओं के साथ आत्मीयता वाले फोटो से यह प्रमाणित भी हुआ है।

उन्होंने इस बात पर भी सवाल उठाया कि वीडी शर्मा जी सरकार की तरफ से सफाई क्यों दे रहे हैं। वे न तो सरकार के मुखिया है और न गृह मंत्री! अभी तक न तो इस संबंध में मुख्यमंत्री का कोई बयान सामने आया और न डीजीपी का? फिर आप किस हैसियत से ये कह रहे हैं कि ये गुजरात और मध्यप्रदेश पुलिस का संयुक्त अभियान था? आपको तो ऐसा दावा करने का कोई हक नहीं बनता। इस पूरे घटनाक्रम में मध्यप्रदेश पुलिस की कोई भूमिका होती, तो इसका उल्लेख गुजरात से जारी हुए आधिकारिक बयान में जरूर होता, पर नहीं है! उन सभी अधिकारियों के नाम और पद हैं, जो इस ऑपरेशन का हिस्सा थे, फिर मध्यप्रदेश पुलिस के किसी अफसर का नाम क्यों नहीं है?

उन्होंने आगे कहा कि जब मामला सामने आया, तो इज्जत बचाने के लिए गुजरात के मंत्री से मध्यप्रदेश पुलिस की मदद मिलने का बयान जारी करवाया गया, पर सच्चाई सबको पता है और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी यह सब जानते हैं

उमंग सिंगार ने आगे कहा कि गुजरात एसआईटी और नारकोटिक्स टीम जिस गोपनीय तरीके से भोपाल आई और छापेमारी की, उसका खुलासा मीडिया ने किया है। यदि वास्तव में मध्यप्रदेश पुलिस उस टीम का हिस्सा होती तो गुजरात की टीम बिना नंबर की गाड़ियों से छुपकर क्यों आई! वीडी शर्मा जी यदि जानकारी हो, तो यह बताइए कि मध्यप्रदेश पुलिस की टीम में कौन-कौन अधिकारी शामिल रहे और इस टीम का नेतृत्व किसने किया। आश्चर्य है कि मध्यप्रदेश के डीजीपी ने भी इस पर कुछ नहीं कहा और न मुख्यमंत्री ने! इस पूरे मामले में बहुत सारे पेंच हैं। सरकार और पुलिस को ही सफाई देने दीजिए। बेहतर होगा कि प्रदेश अध्यक्ष सरकार का बचाव न करें। क्योंकि, ड्रग माफिया का भोपाल में सरकार की नाक के नीचे फैक्ट्री चलाना ही बड़ा मामला है। यदि मध्यप्रदेश पुलिस को ही पकड़ना था तो गुजरात की टीम को क्यों छुपकर आना पड़ा

युवा पीढ़ी की रक्षा के लिए नशे के नेटवर्क को पूरी तरह ध्वस्त किया जाए: विभा पटेल

मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती विभा पटेल ने कहा कि भोपाल में ड्रग फैक्ट्री पकड़ाने से साबित हुआ है कि राजधानी समेत पूरे प्रदेश में धीमा जहर अलग-अलग शक्ल में बिक रहा है। यह खतरनाक है। युवा वर्ग इसका शिकार हो रहा है। इसका असर मध्य प्रदेश के विकास और उन मां-बाप के सपनों पर पड़ेगा, जिन्होंने अपनी संतान से उम्मीदें लगा रखीं है

श्रीमती विभा पटेल ने कहा कि कटारा हिल्स थाना क्षेत्र स्थित ग्राम बगरोदा औद्योगिक क्षेत्र में छह माह से अधिक समय से एक फर्नीचर फैक्टरी को किराये पर लेकर मेफोड्रोन (एमडी) ड्रग्स बनाने का काम किया जाना और उसकी भनक स्थानीय पुलिस को न लगना आश्चर्यजनक है। यह स्थिति भी तब है जबकि माफियाओं पर कार्रवाई के लिए भोपाल में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू की गई है। इसको प्रभावी बनाए रखने भोपाल में एक दर्जन से ज्यादा आईपीएस अफसरों को पदस्थ किया गया है, लेकिन किसी भी अधिकारी को ड्रग्स फैक्टरी की सूचना नहीं मिलना, इस बात का द्योतक है क पुलिस का इंटेलिजेंस सिस्टम कमजोर हैं

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हम आपको बता दें कि गुजरात में पार्टी का यह अधिवेशन 64 साल के बाद हो रहा है। इस अधिवेशन का विषय “न्याय पथ : संकल्प, समर्पण, संघर्ष” होगा। इस अधिवेशन के जरिए जिला कांग्रेस कमेटियों (डीसीसी) की शक्तियां बढ़ाने, संगठन सृजन के कार्य को तेज करने, चुनावी तैयारियों और पदाधिकारियों की जवाबदेही तय करने का निर्णय किया जाएगा। पार्टी के शीर्ष नेता, कार्य समिति के सदस्य, वरिष्ठ नेता और अखिल भारतीय कमेटी के सदस्य अधिवेशन में शामिल होंगे।

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