दमोह स्टेशन प्रबंधक मुकेश कुमार जैन का कहना है कि रेलवे स्टेशन पर तीन चरणों में अलग-अलग काम होना है। वर्तमान में जो काम चल रहे है, वह अंतिम दौर में है। अभी उसकी समयावधि करीब तीन माह और है। इसके बाद दूसरे चरण का काम चालू होगा।
दमोह रेलवे स्टेशन को अमृत भारत योजना के तहत सुंदर बनाने का काम किया जा रहा है। लेकिन काम की धीमी गति और आधे-अधूरे निर्माण कार्यों की वजह से प्रतिदिन हजारों यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ रही है। जबकि छह महीने के अंदर स्टेशन को एयरपोर्ट की तरह आधुनिक बनाया जाना है। पिछले चार महीने से स्टेशन परिसर का अधिकांश हिस्सा खुदा पड़ा है। मुख्य गेट के सामने खुदाई का मलबा और टुकड़े जहां-तहां बिखरे पड़े हैं, जिससे यात्रियों को स्टेशन पर आने-जाने के दौरान गिरने का खतरा बना रहता है।
इधर, प्लेटफॉर्म नंबर दो पर चल रहे निर्माण के दौरान भी जगह-जगह टाइल्स व अन्य सामग्री बिखरी पड़ी है, जिसकी वजह से यात्रियों को ट्रेन में चढ़ने व उतरने के दौरान खतरा बना रहता है। कई बार तो ट्रेन पकड़ने के लिए यात्री दौड़ लगाकर स्टेशन पर पहुंचते हैं, लेकिन निर्माण सामग्री की वजह से गिर जाते हैं। सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं एवं बुजुर्गों को हो रही है। यात्रियों का कहना है कि कम से कम अव्यवस्थित रूप से पड़ी सामग्री को व्यवस्थित करा दिया जाए। ताकि यात्री प्लेटफॉर्म पर बिना कोई परेशानी के आसानी से आ जा सकें। लेकिन रेलवे के जिम्मेदार अधिकारियों को इससे कोई लेना-देना नहीं है।
बता दें कि दमोह रेलवे स्टेशन का चयन अमृत भारत योजना के तहत हुआ है, जिसके तहत 25 करोड़ की लागत से स्टेशन परिसर में अनेक निर्माण कार्य होने हैं। साथ ही बाहरी हिस्से को नया लुक दिया जा रहा है। पिछले दो माह से स्टेशन के मुख्य गेट के बाहर बड़े-बड़े लोहे के एंगिल लगाकर कवर्ड किया जा रहा है, लेकिन आगे का हिस्सा खुदा पड़ा है। इधर, स्टेशन परिसर के सामने पार्किंग एरिया का काम भी अधूरा पड़ा है। वहीं प्लेटफॉर्म की ऊंचाई का काम भी अब तक पूर्ण नहीं हो पाया है। जीआरपी चौकी से लेकर पुराने रोड तक अभी टाइल्स का काम किया जा रहा है। लेकिन उसमें भी बिना इंजीनियर के काम चल रहा है। रोड का काम भी चार माह में पूरा नहीं हुआ है।
पुराने एसी यात्री प्रतीक्षालय को तोड़कर नया बनाया जा रहा है, जिससे मुख्य बरामदे में बैठने के लिए भी अब यात्रियों को जगह नहीं बचती। इधर प्लेटफॉर्म नंबर 2 पर भी काम अव्यवस्थित रूप से किया जा रहा है। यहां प्लेटफॉर्म के पुराने टाइल्स को उखाड़कर नए टाइल्स लगाए जा रहे हैं। कई जगह टाइल्स उखाड़े पड़े हैं। जिससे यात्रियों को परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। पुराने शेड से लेकर पथरिया फाटक रेलवे ओवरब्रिज तक नया शेड तैयार किया जा रहा है। जिसके गड्डे खोदकर एंगिल लगाए जा रहे हैं। जबकि उसी जगह पर प्लेटफॉर्म नंबर एक से प्लेटफॉर्म नंबर दो पर आने के लिए एक नया फुटब्रिज बनाया जाना है। लेकिन उसकी जगह चिह्नित नहीं है।
तीन चरणों में होना है काम
दमोह स्टेशन प्रबंधक मुकेश कुमार जैन का कहना है कि रेलवे स्टेशन पर तीन चरणों में अलग-अलग काम होना है। वर्तमान में जो काम चल रहे हैं, वह अंतिम दौर में हैं। अभी उसकी समयावधि करीब तीन माह और है। इसके बाद दूसरे चरण का काम चालू होगा। आईओडब्ल्यू के अधिकारी भूपेंद्र सिंह का कहना है ठेकेदार को बोलकर काम को व्यवस्थित रूप से करने के लिए निर्देशित किया जाएगा
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