Shahdol Patwari Murder Case: शहडोल जिले के राजस्व विभाग ने पटवारी प्रसन्न को रात्रि गश्त करने का आदेश दिया था. लेकिन पुलिस फोर्स नहीं उपलब्ध कराई गई थी. प्रसन्न सिंह के साथ केवल उनके सहयोगी 3 पटवारी थे. इस दौरान प्रसन्न सिंह ने देखा कि रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है. रोकने की कोशिश में उनकी हत्या कर दी गई
चंदा ने पूछा तारों से, तारों ने पूछा हजारों से, सबसे प्यारा कौन है? पापा मेरे पापा..’ गीत की इन पंक्तियों की अहमियत मासूम बेटी दीया से पूछिए, जिसके सिर से पिता का साया उठ चुका है. पापा प्रसन्न सिंह ने बेटी को किया आखिरी वादा पूरा नहीं किया और लौटकर घर नहीं आए.लौटकर आया तो दिल को दर्द देने वाला और आंखों को नम करने वाला उनका पार्थिव शरीर…
ये दस्तां एक बेटी की है. जब वह पैदा हुई हो पिता सरहद पर वतन के हिफाजत में तैनात थे और रिटायर्ड होकर आए तो सोन नदी के रेत की रखवाली फर्ज समझा. 25 नवंबर की रात मध्य प्रदेश के शहडोल जिले के ब्योहारी में पटवारी प्रसन्न सिंह (45) की रेत माफियाओं ने ट्रैक्टर से कुचलकर हत्या कर दी.
प्रसन्न सिंह ने उस रोज ड्यूटी पर जाने से अपनी पत्नी और बच्चों से बात की थी. खतरे का अंदेशा जताया था. इसका खुलासा करते हुए मासूम बेटी दीया सिंह ने पुलिस-प्रशासन पर कई सवाल उठाए हैं.
12 साल की दीया ने बताया, पापा अक्सर रेत तस्करी के वीडियो दिखाया करते थे. जहां उनकी ड्यूटी होती थी, वहां काफी खतरा रहता था. लेकिन उनके साथ पटवारी दोस्त ही रहते थे, पुलिस फोर्स नहीं होती थी.
घटना के दिन भी ऐसा ही हुआ. प्रसन्न सिंह के साथ केवल उनके सहयोगी पटवारी थे. पुलिस नहीं थी. और रेत माफियाओं ने ट्रैक्टर को पकड़ने को कोशिश कर रहे प्रसन्न को कुचलकर मार डाला. एक वीडियो में मासूम दीया कहती नजर आ रही हैं, अगर पापा के साथ पुलिस होती तो गुंडे पापा को नहीं मार पाते. पापा की अक्सर देर रात ड्यूटी लगाई जाती थी जहां खतरा रहता था
मूलतः रीवा जिले के बरौ गांव के पटवारी प्रसन्न सिंह के मृत्यु के बाद दो बेटियों दीया और समृद्धि सहित जुड़वां मासूम बेटों प्रतीक-प्रत्यक्ष की जिम्मेदारी अब पत्नी गुंजा सिंह के कंधों पर आ गई है
गौरतलब है कि शहडोल जिले के राजस्व विभाग ने पटवारी प्रसन्न को रात्रि गश्त करने का आदेश दिया था. लेकिन पुलिस फोर्स नहीं उपलब्ध कराई गई थी. प्रसन्न सिंह के साथ केवल उनके सहयोगी 3 पटवारी थे. इस दौरान प्रसन्न सिंह ने देखा कि रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है. रोकने की कोशिश में उनकी हत्या कर दी गई. अब इस पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. मृतक प्रसन्न सिंह के बूढ़े पिता महेंद्र सिंह ने शासन-प्रशासन की नाकामी पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि रेत खदानों में धड़ल्ले से अवैध उत्खनन हो रहा है. खदानों की लीज नहीं हो रही थी और ना ही सुरक्षा के इंतजाम किए गए थे