कांग्रेस को ITAT से झटका, बैंक खातों पर आयकर विभाग की कार्रवाई पर स्टे की याचिका खारिज

आयकर विभाग ने कांग्रेस और यूथ कांग्रेस से जुड़े चार बैंक अकाउंट को फ्रीज कर दिया था. आयकर विभाग ने 210 करोड़ की रिकवरी मांगी है. यानी कांग्रेस को यह रकम पैनल्टी के तौर पर आयकर विभाग को देनी होगी. इसके खिलाफ पार्टी ने आयकर अपीलीय प्राधिकरण में अपील की थी, लेकिन इस अपील को खारिज कर दिया गया है.

कांग्रेस को आयकर अपीलीय प्राधिकरण (ITAT) से झटका लगा है. कारण, आईटीएटी ने शुक्रवार को कांग्रेस की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें पार्टी ने अपने बैंक खातों पर आयकर विभाग की कार्रवाई पर स्टे पर की मांग की थी. दरअसल, आयकर विभाग ने कांग्रेस और यूथ कांग्रेस से जुड़े चार बैंक अकाउंट को फ्रीज कर दिया था. आयकर विभाग ने 210 करोड़ की रिकवरी मांगी है. यानी कांग्रेस को यह रकम पैनल्टी के तौर पर आयकर विभाग को देनी होगी. इसके खिलाफ पार्टी ने आयकर अपीलीय प्राधिकरण में अपील की थी, लेकिन इस अपील को खारिज कर दिया गया है.

प्राधिकरण के आदेश की घोषणा के बाद कांग्रेस की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील विवेक तन्खा ने आईटीएटी से आदेश को 10 दिनों के लिए स्थगित रखने का आग्रह किया ताकि वे हाईकोर्ट में अपील दायर कर सकें. उन्होंने कहा, “चूंकि आपने स्टे आवेदन खारिज कर दिया है, जिसके पार्टी के लिए दूरगामी परिणाम होंगे. क्या मैं अदालत से आदेश को 10 दिनों के लिए स्थगित रखने का अनुरोध कर सकता हूं ताकि मैं हाईकोर्ट जा सकूं?”

हालांकि, अपीलीय न्यायाधिकरण ने यह कहते हुए याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया कि उन्हें इस तरह के आदेश पारित करने का अधिकार नहीं है.

किस वजह से फ्रीज हुए अकाउंट? 

ये पूरा मामला 2018-2019 के इनकम टैक्स रिटर्न से जुड़ा है. आयकर विभाग ने कांग्रेस से पैनल्टी के तौर पर 210 करोड़ की रिकवरी मांगी है माकन के मुताबिक, इस एक्शन के दो कारण हैं. पहला- हम लोगों को 31 दिसंबर 2019 तक अपने अकाउंट से संबंधित जानकारी आयकर विभाग को देनी थी. उस समय 40-45 दिन लेट रिटर्न सब्मिट किया था. 

आमतौर पर भी लोग 10-15 दिन लेट हो जाते हैं. दूसरा कारण यह है कि 2018-19 चुनावी वर्ष था. उस चुनावी वर्ष में कांग्रेस के 199 करोड़ रुपए खर्च हुए थे. उसमें से 14 लाख 40 हजार रुपए कांग्रेस के सांसद और विधायकों ने अपने वेतन का हिस्सा जमा करवाया था. ये पैसा कैश में जमा किया गया था. कैश में पैसा आने की वजह से आयकर विभाग ने कांग्रेस पर 210 करोड़ रुपए की पैनल्टी लगा दी है.

कांग्रेस ने प्राधिकरण में दिया ये तर्क

सुनवाई के दौरान एडवोकेट तन्खा ने तर्क दिया कि आईटी के दावे के विपरीत, राजनीतिक दल फंड के लिए विवश है, खासकर क्योंकि उसे आगामी चुनावों के लिए अपने अभियान के वित्तपोषण के लिए संसाधनों की आवश्यकता है. तन्खा के मुताबिक, अगर पार्टी आगामी चुनाव में केवल 350 सीटों पर भी चुनाव लड़ती है, तो उसे प्रत्येक उम्मीदवार के खर्च का 50 प्रतिशत वहन करना पड़ सकता है, जो एक महंगा मामला
है

21 फरवरी को, आईटी ने तर्क दिया था कि राजनीतिक दल के पास 657 करोड़ रुपये का कोष, 340 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति के अलावा 380 करोड़ रुपये की नकद है. आगे तर्क दिया गया कि इससे आगामी चुनावों में कांग्रेस की गतिविधियों पर कोई असर नहीं पड़ेगा और इसलिए मांग पर रोक लगाने की जरूरत नहीं है.

आईटी विभाग ने तर्क दिया कि उसने कांग्रेस के बैंक खाते में लेनदेन पर रोक लगाने के लिए बैंकों को आदेश जारी नहीं किया था. उन्होंने आईटी पर पार्टी के खातों से 65 करोड़ रुपये निकालने का भी आरोप लगाया था.

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हम आपको बता दें कि गुजरात में पार्टी का यह अधिवेशन 64 साल के बाद हो रहा है। इस अधिवेशन का विषय “न्याय पथ : संकल्प, समर्पण, संघर्ष” होगा। इस अधिवेशन के जरिए जिला कांग्रेस कमेटियों (डीसीसी) की शक्तियां बढ़ाने, संगठन सृजन के कार्य को तेज करने, चुनावी तैयारियों और पदाधिकारियों की जवाबदेही तय करने का निर्णय किया जाएगा। पार्टी के शीर्ष नेता, कार्य समिति के सदस्य, वरिष्ठ नेता और अखिल भारतीय कमेटी के सदस्य अधिवेशन में शामिल होंगे।

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