नेहरू और पटेल में मतभेद की बात कहना गलत : मल्लिकार्जुन खरगे

गुजरातl अपने पार्टी संगठन को मजबूत करने और खोई हुई सत्ता हासिल करने के लिए राह तलाशने के उद्देश्य से कांग्रेस ने गुजरात में अपने राष्ट्रीय अधिवेशन से पहले आज विस्तारित कार्यसमिति की बैठक कर अहम मद्दों पर विचार-विमर्श किया। इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भाजपा और आरएसएस पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया है कि पिछले कई सालों से कई राष्ट्रीय नायकों को लेकर एक सोचा समझा षड्यंत्र चलाया जा रहा है। उन्होंने गुजरात में पार्टी की विस्तारित कार्य समिति की बैठक में यह भी कहा कि सरदार पटेल की विचारधारा आरएसएस के विचारों के विपरीत थी और यह हास्यास्पद है कि आज इस संगठन के लोग सरदार पटेल की विरासत पर दावा करते हैं। खरगे ने यह दावा भी किया कि आज सांप्रदायिक विभाजन के जरिये देश के बुनियादी मसलों से ध्यान भटकाया जा रहा है और सामंती एकाधिकार संसाधनों पर क़ब्ज़ा करते हुए शासन को नियंत्रित करने की राह पर हैं। उन्होंने संगठन की मजबूती पर जोर देते हुए कहा कि विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए यह जरूरी है।

कार्यसमिति की बैठक का आयोजन ‘सरदार वल्लभ भाई पटेल राष्ट्रीय स्मारक’ पर किया गया। पार्टी के अधिवेशन से एक दिन पहले उन्होंने कहा, “यह साल महात्मा गांधी जी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने की शताब्दी है। दिसंबर 1924 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी मेरे गृह राज्य कर्नाटक के बेलंगाव कांग्रेस अधिवेशन में अध्यक्ष बने थे। यह शताब्दी समारोह हमने 26 दिसंबर को कर्नाटक में मनाया।’’ उन्होंने इस बात का उल्लेख किया कि गुजरात की धरती पर पैदा हुई तीन महान हस्तियां दादा भाई नौरोजी, महात्मा गांधी और सरदार वल्लभ भाई पटेल कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष रहे। उनका कहना था, ”गांधी जी ने हमें अन्याय के खिलाफ सत्य और अहिंसा का हथियार दिया। ये इतना मजबूत वैचारिक हथियार है कि इसके सामने कोई ताकत टिक नहीं सकती।”

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “इसी साल 31 अक्टूबर को सरदार पटेलजी की 150वीं जयंती है। जवाहर लाल नेहरू नेहरू जी उनको “भारत की एकता का संस्थापक” कहते थे। उनकी 150वीं जयंती हम लोग देश भर में पूरे उल्लास से मनाएँगे।” उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले कई सालों से कई राष्ट्रीय नायकों को लेकर एक सोचा समझा षड्यंत्र चलाया जा रहा है। खरगे ने कहा कि 140 सालों से देश में सेवा और संघर्ष के गौरवशाली इतिहास वाली कांग्रेस पार्टी के खिलाफ वातावरण बनाया जा रहा है। उनका कहना था, “ये काम वे लोग कर रहे है जिनके पास अपनी उपलब्धियां दिखाने को कुछ भी नहीं है। आजादी की लड़ाई में अपना योगदान बताने को कुछ भी नहीं है।” उन्होंने भाजपा और आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा, “वे सरदार पटेल और पंडित नेहरू के संबंधों को ऐसा दिखाने का षड्यंत्र करते हैं जैसे दोनों नायक एक दूसरे के खिलाफ थे। जबकि सच्चाई ये है कि वो एक सिक्के के दो पहलू थे। तमाम घटनाएं और दस्तावेज इनके मधुर संबंधों की गवाह हैं।”

उन्होंने कहा, “नेहरू जी से सरदार कितना स्नेह करते थे, आप इससे समझ सकते हैं। 14 अक्तूबर 1949 को सरदार पटेल ने कहा था कि पिछले दो कठिन सालों में नेहरूजी ने देश के लिए जो अथक परिश्रम किया है, वो मुझसे अधिक अच्छी तरह कोई नहीं जानता है। मैंने इस दौरान उनको भारी भरकम उत्तरदायित्व के भार के कारण बड़ी तेजी के साथ बूढे होते देखा है।” उन्होंने कहा, “साथियों, सरदार पटेल की विचारधारा आरएसएस के विचारों के विपरीत थी। उन्होंने तो आरएसएस पर प्रतिबंध लगा दिया था। लेकिन हँसी आती है कि आज उस संगठन के लोग सरदार पटेल की विरासत पर दावा करते हैं।” खरगे ने इस बात पर जोर दिया, “सरदार पटेल साहेब हमारे दिलों में बसे हैं, विचारों में बसे हैं। हम उनकी विरासत को आगे बढा रहे हैं।” उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर बाबासाहेब आंबेडकर का अपमान करने का आरोप लगाया। खरगे ने कहा, ”कांग्रेस को अपने 140 साल के इतिहास में जिन प्रांतों से सबसे अधिक शक्ति मिली उसमें गुजरात अव्वल है। आज हम फिर से यहां प्रेरणा औऱ शक्ति लेने आए हैं। हमारी असली शक्ति हमारी देश की एकता और अखंडता और सामाजिक न्याय की विचारधारा है।” उनका कहना था, ”लेकिन आज उस विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए जरूरी है कि हम सबसे पहले खुद को मज़बूत करें। अपने संगठन को मज़बूत करें।” अधिवेशन को लेकर उन्होंने कहा, “कल कांग्रेस के अधिवेशन में हमें बहुत-सी बातें कहने और सुनने का मौका मिलेगा। पार्टी के समक्ष मौजूद चुनौतियोँ पर बातें करेंगे और भविष्य की राह भी निकालेंगे।”

हम आपको यह भी बता दें कि कांग्रेस के अधिवेशन से एक दिन पहले आज पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारक इकाई कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) ने भविष्य की रूपरेखा, जिला कांग्रेस कमेटियों (डीसीसी) को सशक्त बनाने समेत संगठन की मजबूती, जवाबदेही तय करने और आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियों पर मंथन किया। विस्तारित कार्य समिति की इस बैठक में अधिवेशन से संबंधित प्रस्तावों पर विचार-विमर्श किया गया। अहमदाबाद के ‘सरदार वल्लभ भाई पटेल राष्ट्रीय स्मारक’ में आयोजित बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पार्टी संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, महासचिव जयराम रमेश, मुकुल वासनिक, गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष शक्ति सिंह गोहिल और कई अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हुए। बैठक में कार्य समिति के अन्य सदस्य, प्रदेश कांग्रेस कमेटियों के अध्यक्ष, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, राज्यों के कांग्रेस विधायक दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भी इस बैठक में शामिल हुए। कार्य समिति की बैठक के बाद अब नौ अप्रैल को अधिवेशन होगा।
हम आपको बता दें कि गुजरात में पार्टी का यह अधिवेशन 64 साल के बाद हो रहा है। इस अधिवेशन का विषय “न्याय पथ : संकल्प, समर्पण, संघर्ष” होगा। इस अधिवेशन के जरिए जिला कांग्रेस कमेटियों (डीसीसी) की शक्तियां बढ़ाने, संगठन सृजन के कार्य को तेज करने, चुनावी तैयारियों और पदाधिकारियों की जवाबदेही तय करने का निर्णय किया जाएगा। पार्टी के शीर्ष नेता, कार्य समिति के सदस्य, वरिष्ठ नेता और अखिल भारतीय कमेटी के सदस्य अधिवेशन में शामिल होंगे।

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