मणिपुर हिंसा: 27000 जवान तैनात, मणिपुर में क्या हो रहा है?

-मणिपुर में फिर से हिंसा भड़क गई है, कुकी और मैतेई समुदाय कई जगहों पर सड़कों पर उतर आए हैं

इंफाल। Amit Shah on Manipur Violence: मणिपुर एक बार फिर हिंसा की आग में जल रहा है। राज्य के जिरीबाम में उग्रवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ के बाद उग्रवादियों ने 6 लोगों का अपहरण कर उनकी बेरहमी से हत्या कर दी।

इसके चलते इलाके में स्थानीय लोग जमकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। कई मंत्रियों के घरों पर हमले हुए और प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री के घर पर भी हमला करने की कोशिश की।

कुकी उग्रवादियों द्वारा एक ही परिवार के छह सदस्यों की बेरहमी से हत्या के बाद गुस्साए मैतेई समुदाय के लोग सड़कों पर उतर आए हैं। वे लगातार हिंसक प्रदर्शन कर रहे हैं।

दूसरी ओर कुकी समुदाय 11 नवंबर की मुठभेड़ को फर्जी बता रहा है।

60 सदस्यीय विधानसभा में एनपीपी के 7 और बीजेपी के 37 विधायक हैं। समर्थन वापसी के बाद भी सरकार के पास 46 विधायक हैं। हिंसा के मद्देनजर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र में अपनी प्रचार बैठकें रद्द कर दी हैं और राजधानी दिल्ली लौट आए हैं।

सूत्रों ने बताया कि गृहमंत्री ने पूर्वोत्तर राज्य की स्थिति की समीक्षा के लिए संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक की।

कई जिलों में कफ्र्यू, इंटरनेट सेवा बंद

  • सुरक्षा बनाए रखने के लिए प्रशासन ने इंफाल पूर्व और पश्चिम, बिष्णुपुर, थौबल और काकचिंग जिलों में अनिश्चितकालीन कफ्र्यू लगा दिया है।
  • मंत्रियों और विधायकों के घरों पर हमले के बाद प्रशासन ने सात जिलों में इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से बंद कर दी हैं।
  • अफाप्सा हटाएं

    इंफाल घाटी में संगठनों का प्रतिनिधित्व करने वाली ‘मणिपुर इंटीग्रिटी कोऑर्डिनेशन कमेटी’ ने 24 घंटे के भीतर उग्रवादी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने के साथ-साथ सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (एएफपीएसए) को हटाने की मांग की है।

  • युवक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट की मांग

    कुकी समुदाय संगठन ने यह रुख अपनाया है कि वे मुठभेड़ में मारे गए 10 युवकों का तब तक अंतिम संस्कार नहीं करेंगे, जब तक उनके परिजनों को पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं मिल जाती।

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हम आपको बता दें कि गुजरात में पार्टी का यह अधिवेशन 64 साल के बाद हो रहा है। इस अधिवेशन का विषय “न्याय पथ : संकल्प, समर्पण, संघर्ष” होगा। इस अधिवेशन के जरिए जिला कांग्रेस कमेटियों (डीसीसी) की शक्तियां बढ़ाने, संगठन सृजन के कार्य को तेज करने, चुनावी तैयारियों और पदाधिकारियों की जवाबदेही तय करने का निर्णय किया जाएगा। पार्टी के शीर्ष नेता, कार्य समिति के सदस्य, वरिष्ठ नेता और अखिल भारतीय कमेटी के सदस्य अधिवेशन में शामिल होंगे।

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