गौमाता को राज्यमाता घोषित करने का सीएम साय ने किया वादा, स्वीकारा शंकराचार्य की गौध्वज प्रतिष्ठा यात्रा का आमंत्रण

ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी, श्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज 7 अक्टूबर को रायपुर में गौध्वज स्थापन कार्यक्रम में शामिल होंगे। शंकराचार्य के मीडिया प्रभारी अशोक साहू ने बताया है कि, गौध्वज प्रतिष्ठा को लेकर प्रदेश के गौभक्तों और हिंदू सनातनियों में उत्साह है

वही, गौ- माता राष्ट्र माता आंदोलन से जुड़े कार्यकर्ता प्रदेश के जिला, ब्लॉक और गांवों में जाकर लोगों को आंदोलन से जोड़ रहे हैं और गौ माता के लिए एक मंच पर लाने के लिए प्रयास कर रहे हैं। ज्योतिर्मठ के सीईओ चंद्रप्रकाश उपाध्याय के नेतृत्व में मुख्यमंत्री को गौध्वज प्रतिष्ठा का निमंत्रण दिया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि, गाय हमारी माता है और जल्द ही केबिनेट बैठक में गौमाता को राज्यमाता घोषित करने पर निर्णय लिया जाएगा

शंकराचार्य का 7 सदस्यी दल पहुंचा सीएम निवास

बीते दिन गुरुवार की शाम ज्योतिर्मठ के सीईओ चंद्रप्रकाश उपाध्याय के नेतृत्व में शंकराचार्य का 7 सदस्यी दल सीएम निवास पहुंचा। वहां मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जी से भेटकर गौध्वज प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया

सीएम ने स्वीकारा आमंत्रण

सीएम ने शंकराचार्य के शिष्यों से आमंत्रण स्वीकार करते हुए कहा, “गाय हमारी माता है, और मैं जल्द से जल्द उसे राज्य माता घोषित करने का पूरा प्रयास करूँगा।” मुख्यमंत्री ने आगे कहा 7 अक्टूबर को मेरी दिल्ली में बैठक है, लेकिन मैं अपने प्रतिनिधियों को कार्यक्रम में भेजूंगा एवं गाय हम सबकी माता है और जल्द ही केबिनेट बैठक में इस पर निर्णय लिया जाएगा। मेरे मुख्यमंत्री रहते गौ-माता को राज्यमाता घोषित करना मेरा सौभाग्य होगा

इनकी रही मौजूदगी

इस अवसर पर मुख्यरूप से ज्योतिर्मठ सीईओ चंद्रप्रकाश उपाध्याय, ज्योतिर्मठ CFO मदन मोहन उपाध्याय, शंकराचार्य आश्रम प्रभारी ब्रह्मचारी डॉ इन्दुभवानंद, पूर्व विधायक मोतीराम चंद्रवंशी, उमंग पांडे, अनिल पांडेय व हरेकृष्ण शुक्ला उपस्थित रहे।

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हम आपको बता दें कि गुजरात में पार्टी का यह अधिवेशन 64 साल के बाद हो रहा है। इस अधिवेशन का विषय “न्याय पथ : संकल्प, समर्पण, संघर्ष” होगा। इस अधिवेशन के जरिए जिला कांग्रेस कमेटियों (डीसीसी) की शक्तियां बढ़ाने, संगठन सृजन के कार्य को तेज करने, चुनावी तैयारियों और पदाधिकारियों की जवाबदेही तय करने का निर्णय किया जाएगा। पार्टी के शीर्ष नेता, कार्य समिति के सदस्य, वरिष्ठ नेता और अखिल भारतीय कमेटी के सदस्य अधिवेशन में शामिल होंगे।

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