उज्जैन में जहां महाकाल लोक – 2 का काम हो रहा था, कल वहां की दीवार ढह गई और 4 लोग दबे, दो की मौत भी हो गई। महाकाल लोक के प्रथम चरण में भी जो ऋषियों की मूर्तियां लगाई गई थी, वह आंधी और हवा में गिर गई थी। अभी कुछ दिनों पहले महाराज छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा गिरी थी जिसका अनावरण प्रधानमंत्री ने किया था। यह दुखद स्थितियां है
लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के संरक्षक रघु ठाकुर ने जारी बयान में कहा है कि अभी पिछले दिनों तिरुपति बालाजी के मंदिर में जो प्रसादम लड्डू के रूप में चढ़ाए जाते हैं उसमें भी मिलावट की खबरें खुद सरकार के मुखिया मुख्यमंत्रीचंद्र बाबू नायडू की तरफ से आई। फिर बाद में मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर के बारे में भी खबर आई कि वहां के प्रसाद में भी मिलावट है और पैकेट में चूहे पाए गए।अभी और भी कई स्थानों से ऐसी सूचनाएं प्राप्त हो रही है। यह चिंता का विषय इसलिए है कि भ्रष्टाचार करने वाले लोग किसी और को तो नहीं छोड़ते भगवान के स्थान को भी भ्रष्टाचार से मुक्त करने को तैयार नहीं है और अगर भगवान जो विश्व को बनाने वाला है वह अपने ही घर में भ्रष्टाचार को नहीं रोक पाएगा तो भगवान की शाख गिरेगी तथा अस्तित्व पर सवाल खड़े होंगे
उन्होंने कहा कि इसी प्रकार से जो लोग अपने लाभ के लिए प्रसाद में मिलावट कर रहे हैं क्या उनका कोई धर्म है? इन व्यक्तियों को तो भारी दंड दिया जाना चाहिए ।यह केवल राजनीतिक लड़ाई नहीं होना चाहिए बल्कि यह विशुद्ध जीवन के नैतिक मूल्यों की लड़ाई है। इसको इसी रूप में देखा जाना चाहिए।ठाकुर ने कहा कि मैंने पहले भी कहा और अब भी कहना चाहता हूं कि सरकार को चाहिए कि इसकी जांच कराये। अगर इसमें भ्रष्टाचार है मिलावट हो रही है जीसके चलते दीवालें गिरी है या प्रतिमाएं गिरी है तो जिसने भी यह काम किया है उन्हें अधिकतम दंड मिलना चाहिए और अगर यह योजना की गलती है तो भी जो बड़े अधिकारी है जिनने योजना तैयार की उन योजना कारों के इस अपराध को उन्हें दंडीत किया जाना चाहिए