पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के मीडिया सलाहकार के.के.मिश्रा ने आज जारी अपने संयुक्त बयान में कहा कि तत्कालीन शिवराज-सरकार के दौरान हुए व्यापमं घोटाले की लड़ी गई “सामूहिक नेतृत्व” की लंबी लड़ाई का सुखद अंत अब क़रीब है,व्यापमं के माध्यम से ली गई 168 परीक्षाएँ जिसमें अनियमितताओं-भ्रष्टाचार के माध्यम से 1.47 लाख युवाओं की ज़िंदगी के सामने अंधेरा परोसा गया,उसे लेकर कांग्रेस द्वारा किए गए लंबे ज़मीनी संघर्ष और लगाये गये गंभीर आरोपों पर परिवहन आरक्षक परीक्षा-2012 को लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश ने अपनी मोहर लगा दी है,जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि उक्त सभी परीक्षाओं में सरकार,मंत्रियों,आरएसएस, अफ़सरों,शिक्षा-चिकित्सा दलाल माफियाओं का महा गठजोड़ शामिल था ! यहां तक कि इस महा घोटाले में तत्कालीन राज्यपाल के विरुद्ध भी थ्प्त् हुईं,उनके ओएसडी जेल गये। तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराजसिंह के ओएसडी की अग्रिम जमानत हुई यानी राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मंत्रियों से लेकर चपरासी तक जिस घोटाले, भ्रष्टाचार में शामिल हों, वहाँ शिवराजसिंह चौहान और तत्कालीन परिवहन मंत्री, मौजूदा उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा के सिद्धदोष अपराध व इस्तीफ़े पर भाजपा की रहस्यमयी चुप्पी का कारण क्या है
यादव-मिश्रा ने यह भी स्पष्ट किया कि यह ज़मीनी लड़ाई सामूहिक नेतृत्व का परिणाम थी, जिसमें पार्टी के वरिष्ठ नेता सर्वश्री कमलनाथ,दिग्विजयसिंह,विवेक कृष्ण तनख़ा, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजयसिंह, स्वर्गीय सत्यदेव कटारे,यहां तक कि उस वक्त के कांग्रेसी पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी व ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी शिवराज सरकार के भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ सीधा मोर्चा खोल कांग्रेस के स्वर में अपने स्वर भी मिलाये थे। पार्टी के अनुषांगिक संगठनों युवा-महिला कांग्रेस,एनएसयूआई, सेवादल सहित सभी की भूमिकायें सराहनीय थी। विवेक तनख़ा और कपिल सिब्बल ने तो सर्वाेच्च न्यायालय के अन्य वरिष्ठ अधिवक्ताओं की टीम के साथ विधिक मोर्चा भी खोल रखा था
कांग्रेस नेताओं ने आज एक बड़ा खुलासा किया कि शिवराज सरकार के भ्रष्टाचार व व्यापमं के कारण ही कांग्रेस को अपनी निर्वाचित कमलनाथ सरकार गंवाना पड़ी।15 सालों बाद कांग्रेस सरकार क़ाबिज़ हुई थी,पहले 15 माह में हमारी प्राथमिकताएं किसानों की कर्ज़ माफ़ी, गुड गवर्नेंस देना थीं,जो हमने किया भी, जब व्यापमं, ई-टेंडरिंग,पेंशन सहित अन्य घोटालों की फ़ाइलों की परतें खुलने की तैयारी प्रारंभ हुई तो दोषियों ने जेल जाने के डर से अति महत्वाकांक्षी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और कालेधन का उपयोग कर कांग्रेस सरकार गिरा दीइस षड्यंत्र में भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व,आरएसएस,शिवराजसिंह चौहान, नरोत्तम मिश्रा, सहित शिक्षा-चिकित्सा माफियाओं, घोटालों में शामिल अफ़सरों का गठजोड़ शामिल है ! बावजूद इसके कांग्रेस ने अपनी सरकार बचाने के लिए नैतिक मूल्यों, सिद्धांतों से कोई समझौता नहीं किया और आज अपने स्वयं को पार्टी विद्-ए- डिफ़रेंस, चाल-चरित्र-चेहरे, ना खाऊँगा-ना खाने दूंगा, भ्रष्टाचार को लेकर जीरों टॉलरेंस,नैतिक मूल्यों,सिद्धांतों की दुहाई देने वाली भाजपा और उसके नेता शिवराजसिंह चौहान-जगदीश देवड़ा के ख़िलाफ़ आरोप साबित हो जाने के बाद भी उनके इस्तीफ़े को लेकर मुंह में दही जमा कर क्यों बैठे हुए हैं’? कांग्रेस पार्टी भ्रष्टाचारियों के ख़िलाफ़ साबित हो चुके अपने उक्त आरोपों की इस लंबी लड़ाई को अब दूसरे ढंग से लड़ेगी ताकि उक्त गठजोड़ में शामिल बचे हुए चेहरों को भी बेनक़ाब किया जा सके