मध्यप्रदेश के इतिहास में पहली बार अब विधानसभा में राजस्व से जुड़े मामलों की सुनवाई होगी। अभ्यावेदन समिति सुनवाई करेगी। राजस्व से संबंधित तहसील, जिला या शासन स्तर पर लंबित मामलों की सुनवाई होगी यह व्यवस्था सिविल न्यायलय में चल रहे मामलों पर लागू नहीं होगी
जानकारी के अनुसार विधानसभा में आने वाले मामलों की जांच के लिए अलग विंग बनाई गई है। प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारियों को दस्तावेजों के परीक्षण के लिए बुलाया जाएगा। शिकायतों की जांच कर संबंधित अधिकारी से ये 15 दिन में जवाब मांगेंगे। विशेष परिस्थितियों में 6 दिन का अतिरिक्त समय दिया जाएगा। अभ्यावेदन समिति का गठन संविधान के अनुच्छेद 194 के तहत किया गया, इसे सदन की शक्तियां प्राप्त है