शरद पवार उद्धव ठाकरे सोनिया गांधी किसने दी प्रधानमंत्री पद की पेशकश नितिन गडकरी ने कहा

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने नागपुर में एक कार्यक्रम में बोलते हुए राजनीतिक बम फोड़ा था। उन्होंने कहा लोकसभा चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद एक विपक्षी नेता ने मुझे प्रधानमंत्री पद की पेशकश की थी, लेकिन मैंने मना कर दिया। लेकिन ये ऑफर देने वाला नेता कौन है? वह इस बारे में बात करने से बचते रहे। यही सवाल नितिन गडकरी से भी पूछा गया

एक इंटरव्यू नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) से पूछा गया है कि वह कौन नेता है जिसने उन्हें इस बार प्रधानमंत्री पद की पेशकश की? नितिन गडकरी ने दिया जवाब आपको किसने प्रस्ताव दिया और आपने इसे किस कारण से ठुकरा दिया? नितिन गडकरी ने कहा पहली बात तो यह है कि सिर्फ अभी नहीं, बल्कि कई बार कई लोगों ने मुझसे यह बात कही है। मीडिया में भी इसकी चर्चा हुई है। मैंने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि हमारे देश की समस्या मतभेद नहीं है। लेकिन राय की कमी है। दिल्ली में एक कार्यक्रम में पत्रकारों से कहा गया जैसा कि मैंने कहा हमारा दृढ़ संकल्प हमारे लिए सर्वोपरि है

नितिन गडकरी ने कहा मैं आपातकाल के बाद राजनीति में आया मेरा संकल्प जीवन के लिए है, यही विचारधारा है। मैं उस पर कभी समझौता नहीं करूंगा। जब उन्होंने मुझे प्रस्ताव दिया, तो मैंने उनसे कहा, आप मुझे प्रधानमंत्री क्यों बनाना चाहते हैं प्रधानमंत्री बनना और मंत्री पद कभी मेरी महत्वाकांक्षा नहीं थी

प्रस्ताव कब और किसने दिया

प्रधानमंत्री पद की पेशकश कब और किसके द्वारा की गई थी? इस सवाल पर नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने कहा चुनाव से पहले भी कई थे और बाद में भी। मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि जब मुझे कोई ऑफर दिया जाता है तो उसे स्वीकार करने का सवाल ही नहीं उठता। क्योंकि मैं अपनी विचारधारा से समझौता नहीं करूंगा। तो मैंने कहा प्रधानमंत्री जी, विचारधारा के प्रति वफादार रहना मेरा लक्ष्य नहीं है

शरद पवार, उद्धव ठाकरे, सोनिया गांधी को किसने ऑफर दिया? नितिन गडकरी ने कहा आपके मित्र हर जगह हैं, मैं किसी मुद्दे पर नहीं खड़ा हूं और यह कहना नैतिक नहीं है कि प्रस्ताव किसने दिया। इसलिए आपके और मेरे बारे में भी जब निजी बातचीत हो तो बताना अच्छा नहीं है’ इसके बारे में मैं किसी नेता का नाम नहीं लूंगा, आप कितना भी पूछें, मैं नहीं बताऊंगा

 

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हम आपको बता दें कि गुजरात में पार्टी का यह अधिवेशन 64 साल के बाद हो रहा है। इस अधिवेशन का विषय “न्याय पथ : संकल्प, समर्पण, संघर्ष” होगा। इस अधिवेशन के जरिए जिला कांग्रेस कमेटियों (डीसीसी) की शक्तियां बढ़ाने, संगठन सृजन के कार्य को तेज करने, चुनावी तैयारियों और पदाधिकारियों की जवाबदेही तय करने का निर्णय किया जाएगा। पार्टी के शीर्ष नेता, कार्य समिति के सदस्य, वरिष्ठ नेता और अखिल भारतीय कमेटी के सदस्य अधिवेशन में शामिल होंगे।

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