हरियाणा विधानसभा चुनाव के मतदान की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। राज्य की सभी 90 सीटों पर 5 अक्टूबर को एक साथ वोट डाले जाएंगे। इसी बीच कांग्रस प्रत्याशी और पूर्व भारतीय पहलवान विनेश फोगाट के लिए मुश्किल बढ़ाने वाली खबर सामने आई है। विनेश फोगाट को राष्ट्रीय डोपिंग निरोधक एजेंसी ने बुधवार (25 सितंबर) को नोटिस जारी किया है। नाडा ने विनेश से 14 दिनों के भीतर नोटिस का जवाब मांगा है
दरअसल नाडा के रजिस्टर्ड टेस्टिंग पूल के साथ रजिस्टर्ड सभी एथलीट्स को डोप टेस्ट के लिए अपनी मौजूदगी का विवरण देना जरूरी है। विनेश भी इस पूल का हिस्सा हैं
डोपिंग टेस्ट के लिए दी गई डिटेल में जिस जगह के बारे में बताया गया अगर वहां पर एथलीट मौजूद नहीं होता तो इसे ठिकाने की जानकारी देने की विफलता माना जाता है। 9 सितंबर को विनेश सोनीपत के खरौदा गांव में अपने घर पर डोप जांच के लिए मौजूद नहीं थीं
नाडा के नोटिस में कहा गया आपको डोपिंग रोधी नियमों के अंडर रहने के स्थल की जानकारी से जुड़ी जरूरतों का पालन करने में साफ विफलता के बारे में सूचित करने के लिए एक औपचारिक नोटिस दिया जाता है। मामले पर अंतिम फैसला लेने से पहले आपको इस पर सफाई देने के लिए आमंत्रित किया जाता है। आगे कहा गया, “एक डोप कंट्रोल अधिकारी को आपकी जांच के लिए उस वक्त उस जगह पर भेजा गया था। हालांकि आधिकारी टेस्ट के लिए आपको ढूंढने में असफल रहा था क्योंकि आप वहां मौजूद नहीं थीं
यह है नियम
विनेश को या तो इस उल्लघंन को स्वीकार करना होगा या यह सबूत देना होगा कि वह उस स्थान पर लगभग 60 मिनट तक मौजूद थीं। हालांकि, यहां यह जिक्र किया जाना जरूरी है कि ठहरने की जगह संबंधित विफलता डोपिंग रोधी नियम का उल्लंघन नहीं है। कोई खिलाड़ी अगर 12 महीने में तीन बार स्थल की जानकारी संबंधित नियमों का उल्लघंन करता है तो ही नाडा एथलीट को आरोपित कर सकता है
बता दें कि विनेश ने पेरिस ओलंपिक 2024 के बाद पहलवानी से संन्यास का एलान कर दिया था। भारत की पूर्व महिला पहलवान विनेश फोगाट इन दिनों हरियाणा विधान सभा इलेक्शन 2024 की तैयारियों में जुटी हुई हैं। संन्यास के बाद उन्होंने कांग्रेस पार्टी का हाथ थामा और चुनाव लड़ रहीं हैं
हरियाणा में 5 अक्टूबर को मतदान और 8 को मतगणना
बता दें कि हरियाणा विधानसभा चुनाव 5 अक्टूबर को होगा। वहीं, मतगणना 8 अक्टूबर को होगी। वहीं मतगणना 8 अक्टूबर को होगी। इससे पहले यह तारीख 1 और 4 अक्टूबर थी लेकिन चुनाव आयोग ने इसमें बदलाव किया है। आयोग ने इसके पीछे की वजह बताते हुए सफाई दी कि बिश्नोई समुदाय के मताधिकार और परंपराओं दोनों का सम्मान करने के लिए यह फैसला लिया गया है। बिश्नोई समाज ने आसोज अमावस्या उत्सव में भाग लेने की सदियों पुरानी प्रथा को कायम रखा है। ये उस दिन अपने गुरु जम्बेश्वर की स्मृति में उत्सव मनाते हैं