अभी सिर्फ बेल नहीं छूटेगा जेल

कोयला लेव्ही कांड को लेकर जेल में बंद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपसचिव सौम्या चौरसिया को सुप्रीम कोर्ट में अंतरिम जमानत तो मिल गई है लेकिन दूसरे और भी मामलों से जुड़े होने की वजह से वे जेल में ही रहेंगी

२१ महिने से जेल में बंद सौम्या को अंतरिम जमानत देते समय कोर्ट ने जो सवाल खड़े किये, उसका जवाब सरकार या ईडी के पास नहीं था कि आखिर किसी मामले के आरोपी को कितने समय तक जेल में रखा जा सकता है ? हैरानी की बात बात तो यह है कि ईडी ने अभी तक सौम्या के खिलाफ आरोप ही तय नहीं किये है। जबकि २१ माह में इस मामले की सुनवाई भी शुरू नहीं हुई है

ऐसे में कांग्रेस के इस आरोप को बल मिलता है कि यह पूरा मामला भूपेश बघेल को बदनाम करने की साजिश का हिस्सा है।

सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका की सुनवाई ने तीन बड़े सवाल खड़े किये है कि आख़िर सोम्पा के खिलाफ अभी तक आरोप तय क्यों नहीं कर पाई, दूसरा सवाल. यही है कि सिर्फ पूछताछ के लिए इडी किसी को कितने दिनों तक हिरासत में रख सकती है और तीसरा जो सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह है कि सत्ता किसी को ऐसा असिमित अधिकार कैसे दे सकती है जो मानवाधिकार के उल्लघन का अधिकार दे दे

पूरा मामला इस प्रकार हैं सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व सीएम भूपेश बघेल कीप सचिव रहीं सौम्या चौरसिया को अंतरिम जमानत दे दी. सौम्या चौरसिया कथित कोयला लेवी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में आरोपी हैं. जस्टिस सूर्यकांत, दीपांकर दत्ता और उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने कहा कि चौरसिया एक साल और नौ महीने से अधिक समय से हिरासत में हैं, उनके खिलाफ आरोप तय होना बाकी है और मुकदमा शुरू नहीं हुआ है. इसके साथ ही अदालत ने छत्तीसगढ़ सरकार को निर्देश दिया है कि वह अगले आदेश तक सौम्या चौरसिया को सेवा में बहाल न करे

जब भी जरूरत हो ट्रायल कोर्ट में सौम्या चौरसिया पेश हों”: अदालत ने कहा कि जब भी जरूरत हो ट्रायल कोर्ट में सौम्या चौरसिया पेश हो और गवाहों को प्रभावित न करें. शीर्ष अदालत में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के 28 अगस्त के आदेश को चुनौती दी गई है. जिसके तहत उच्च न्यायालय ने जमानत देने से इंकार किया था. जस्टिस सूर्यकांत, दीपांकर दत्ता और उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने कहा कि चूंकि उनकी याचिका पर सुनवाई में कुछ समय लगेगा, इसलिए वह उन्हें अंतरिम जमानत दे रहे हैं

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हम आपको बता दें कि गुजरात में पार्टी का यह अधिवेशन 64 साल के बाद हो रहा है। इस अधिवेशन का विषय “न्याय पथ : संकल्प, समर्पण, संघर्ष” होगा। इस अधिवेशन के जरिए जिला कांग्रेस कमेटियों (डीसीसी) की शक्तियां बढ़ाने, संगठन सृजन के कार्य को तेज करने, चुनावी तैयारियों और पदाधिकारियों की जवाबदेही तय करने का निर्णय किया जाएगा। पार्टी के शीर्ष नेता, कार्य समिति के सदस्य, वरिष्ठ नेता और अखिल भारतीय कमेटी के सदस्य अधिवेशन में शामिल होंगे।

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