प्रदेश में आय दिन शिक्षा जगत से जुड़ी हुई अनेकानेक खबरें प्रसारित होती रहती हैं।जाहिर सी बात है कि प्रदेश का सब से बड़ा विभाग होने के नाते सब से अधिक कर्मचारियों का समूह भी यही विभाग है इसलिए इस विभाग से रोज नई- नई ब्रेकिंग समाचार आती रहती है।बहरहाल ताज़ा मामला क्रमोन्नति से जुड़ा हुआ है, इस केस में जब से माननीय न्यायालय ने दिशा- निर्देश जारी किए हैं उसके तारतम्य में प्रदेश में शिक्षकों में असमंजस जैसी स्थिति पैदा कर दी है जिसमें ऐसे शिक्षक साथी जिनकी कुल सेवा अवधि 10 वर्ष हो चुकी थी,उन्हें अगला उच्चतर वेतनमान देने का निर्देश प्राप्त हुआ है साथ ही 10 वर्ष के पश्चात वर्तमान समय तक( एक ही पद में होने तक) के बीच की अवधि का एरियर्स भी देने का आदेश हुआ है
इसी बीच कुछ शिक्षक नेता जिसमें शिक्षकों से ही सुनने को मिल रहा है कि कुछ संगठन के जिलाध्यक्ष तक इस गिरोह में शामिल हो चुके हैं,जो अलग- अलग जिलों से अपने कथित गुर्गों की मदद से भोले- भाले शिक्षकों से पैसा वसूली का काम शुरू कर चुके हैं। कुछ शिक्षक साथी तो यहां तक दावा कर रहे हैं बकायदा उन तक उनके ही साथी संपर्क कर रहे हैं जो उन्हें अभी से 3000 से 5000 तक फीस लेकर बकायदा लाभ दिलाने की बात कर रहे हैं।शिक्षक साथियों का कहना था कि उन्हें अलग- अलग लोगो के द्वारा फोन से या व्हाट्सअप से रकम देने के कागजात देने की बात कही जा रही है
खैर इस विभाग के अगर पिछले इतिहास की ओर झांके तो पता चलता है इस विभाग में अपने साथी ही अपने साथियों का गला घोंटने में माहिर हैं कभी पदोन्नन्ति में संसोधन के नाम पर मोटी रकम वसूली गई थी तो कभी ट्रांसफर के नाम पर वसूली किये जाते रहे हैं। परंतु दुख की बात तो तब हो जाती है जब अपने ही अपनों का गला घोंटने लगते हैं
इस मामले पर हमने बिलासपुर से माननीय हाईकोर्ट के एक वकील से संपर्क करते हुए जब सारी बात बताई तो उनका स्पष्ट कहना था कि माननीय HC के डबल बेंच के डिसीजन के बाद अब उसे आगे केवल माननीय सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया जा सकता है।यदि इस बेंच ने कोई निर्णय पारित कर दिया है इसी प्रकृति के सभी केस इसी निर्णय के अधीन होंगे एवम याचिका होने पर इसी निर्णय का उल्लेख करते हुए केस डिस्पोज कर दिया जाएगा
इसे सीधे सरल शब्दों में समझे तो आगे कोई भी केस लगेगा तो उसमें इसी निर्णय के अधीन डायरेक्शन होगा। चाहे वह वकील कितना भी नया हो या पुराना इस केस में आगे फिर साक्ष्य-बहस,सुनवाई नही होगी केवल डायरेक्शन होगा। और अगर आप सामुहिक तौर पर 10 से 20 की भी संख्या मेंअपना केस दायर करेंगे तो 1000 तक के मामूली रकम पर आप सभी को इसका लाभ हो जाएगा। इसलिए कम से कम रकम में काम कराएं
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