भाजपा के दिग्गज नेता कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय को न्यायालय ने बरी कर दिया। क्या उसे न्यायालय ने सिर्फ इसलिए बरी कर दिया क्योंकि वह मध्यप्रदेश भाजपा के कद्दावर नेता कैलाश विजयवर्गीय के पुत्र थे। लेकिन कानून के आँख में तो पट्टी बंधी होती है फिर वह यह कैसे देख सकता है कि आकाश कौन है
लेकिन पुलिस के आँख में तो पट्टी नहीं बंधी और न ही मार खाने वाले निगम अधिकारी धीरेन्द्र बायस के आंखों में ही पट्टी बंधी थी तब क्या इन लोगों ने भी अपनी आंखों में पट्टी बांध ली थी
आकाश विजयवर्गीय खुले आम निगम अधिकारी धीरेन्द्र को क्रिकेट के बल्ले से पीट रहा था और इस पिटाई का वायरल विडियों पूरे देश ने देखा लेकिन पुलिस गवाह और सबूत नहीं जुटा पाई वायरल विडियों का सत्यापन नहीं कराया गवाह मुकर गये लेकिन सबसे बड़ी बात जिस अधिकारी धीरेंद्र की पिटाई हुई उसने पिटाई से इंकार तो नहीं किया लेकिन उसने भी आकाश को नहीं देखा