एमपी दुग्ध संघ को राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड को देना प्रदेश के लाखों किसानों और पशुपालकों के साथ धोखा – रवि सक्सेना

मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता रवि सक्सेना ने मध्य प्रदेश दुग्ध संघ को राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड को प्रमुख सचिव पशुपालन एवं डेयरी विकास की प्रतिकूल टिप्पणियों के बावजूद सौंपना प्रदेश के लाखों किसानों एवं पशुपालकों की रोजी-रोटी पर प्रहार बताया है सक्सेना ने कहा कि मध्य प्रदेश के लाखों किसान एवं पशुपालक अपना दूध प्रतिदिन प्रदेश के विभिन्न दूध संयंत्रों को विक्रय करते हैं जिससे उच्च गुणवत्ता के सांची उत्पादों का उत्पादन किया जाता है, जिससे किसान और पशु पालक आर्थिक रूप से निश्चित आय अर्जित कर अपने परिवार, गोवंश एवं दुधारू पशुओं का लालन-पालन करते हैं। किंतु केंद्र सरकार के निर्देश पर आनंद-फानन में मध्य प्रदेश के दुधारू संस्थान को राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड को हस्तांतरित करने का निर्णय सरकार द्वारा ले लिया गया लाखों किसानों, पशुपालकों तथा दुग्ध संस्थानों के हजारों कर्मचारियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का कुचक्र किया गया प्रतीत होता है

कांग्रेस प्रवक्ता ने प्रश्न उठाते हुए सरकार से पूछा है कि रातों-रात अंजाम दी गई इस पूरी कवायत के पीछे कहीं मध्य प्रदेश दुग्ध संघ और सांची संयंत्र को गुजरात की अमूल को देने का षड्यंत्र तो नहीं रचा गया है? क्योंकि विगत कई वर्षों से सांची के उच्च गुणवत्तापूर्ण उत्पादों के कारण मध्य प्रदेश में अमूल के उत्पादों के पैर उखड़ रहे थे उनके अमूल पार्लर बंद हो रहे थे जिससे उन्हें मध्य प्रदेश में अपेक्षित सफलता प्राप्त नहीं हो पा रही थी लगता है। इसलिए पिछले दरवाजे से मध्य प्रदेश दुग्ध संघ और सांची संयंत्रों पर कब्जा राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड की आड़ में करने का कहीं षड्यंत्र तो नहीं किया जा रहा है

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा यदि मध्य प्रदेश के किसानों पशुपालकों के हितों पर किंचित मात्र भी कुठाराघात किया गया तो कांग्रेस पार्टी किसानों एवं पशुपालकों के हक पर सरकार को डांका डालने का पुरजोर प्रतिरोध करेगी

 

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हम आपको बता दें कि गुजरात में पार्टी का यह अधिवेशन 64 साल के बाद हो रहा है। इस अधिवेशन का विषय “न्याय पथ : संकल्प, समर्पण, संघर्ष” होगा। इस अधिवेशन के जरिए जिला कांग्रेस कमेटियों (डीसीसी) की शक्तियां बढ़ाने, संगठन सृजन के कार्य को तेज करने, चुनावी तैयारियों और पदाधिकारियों की जवाबदेही तय करने का निर्णय किया जाएगा। पार्टी के शीर्ष नेता, कार्य समिति के सदस्य, वरिष्ठ नेता और अखिल भारतीय कमेटी के सदस्य अधिवेशन में शामिल होंगे।

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