पूर्व मंत्री तथा भाजपा के धाकड़ विधायक राजेश मूणत ने मेयर एजाज ढेबर ने रायपुर में मेट्रो ट्रेन चलाने के लिए रूस के साथ मेयर एजाज ढेबर के एमओयू पर सवाल खड़े करते हुए बड़ा हमला किया है मूणत ने दावा किया कि मेयर ढेबर मास्को (रूस) में जिस परिवहन विकास विभाग की बैठक में हिस्सा लेने की बात कह रहे हैं उसका निमंत्रण मास्को शहर के डिप्टी मेयर ने दिया था न कि वहां की सरकार ने मेयर ढेबर की यह यात्रा व्यक्तिगत है जिसका पूरा खर्च वही उठा रहे हैं राज्य सरकार से इसकी कोई अनुमति नहीं ली गई है मेयर ढेबर सरकार का प्रतिनिधित्व नहीं कर रहे हैं इसलिए यह सरकारी यात्रा भी नहीं है। मेयर ढेबर रायपुर में लाइट मेट्रो ट्रेन के लिए जिस एमओयू की बात कर रहे हैं ऐसा एमओयू दूसरे देश के साथ तभी हस्ताक्षरित किया जा सकता है जबकि संबंधित विभाग-पदाधिकारी केंद्र सरकार की केबिनेट समिति से मंजूरी मिली हो मूणत ने यह भी कहा कि अगर मेयर ने कथित एमओयू पर दस्तखत किए हैं तो इसकी भारत में कोई वैधता ही नहीं है क्योंकि यह उनकी व्यक्तिगत यात्रा है जिसमें वे सरकार का प्रतिनिधित्व कर ही नहीं रहे हैं
बता दें कि मेयर ढेबर इस समय मास्को में हैं और उन्होंने वहीं से यहां मीडिया को बताया था कि उन्होंने रायपुर में लाइट मेट्रो ट्रेन चलाने के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। यह एमओयू मास्को में परिवहन शिखर सम्मेलन के दौरान किया गया है। वरिष्ठ विधायक राजेश मूणत ने इसी एमओयू को निशाने पर लिया है और दावा किया है कि कोई भी पदाधिकारी व्यक्तिगत तौर पर किसी अन्य देश में गया हो और वहां कोई भी समझौता करते रहे, तो यह सरकारी तौर पर पूरी तरह अमान्य होगा। पूर्व मंत्री मूणत ने इस पूरे मामले की बिंदुवार व्याख्या भी की है। उन्होंने कहा कि रायपुर नगर निगम के मेयर को मास्को में परिवहन और सड़क बुनियादी ढांचा विकास विभाग के प्रमुख द्वारा मास्को के डिप्टी मेयर से व्यक्तिगत निमंत्रण प्राप्त हुआ था। यह निमंत्रण व्यक्तिगत था और किसी राष्ट्रीय या राज्य सरकार की एजेंसी से नहीं आया था
यात्रा का खर्च भी मेयर ढेबर ही उठा रहे
वरिष्ठ विधायक मूणत ने दावा किया कि मेयर ढेबर की यात्रा पूरी तरह से व्यक्तिगत है इसका खर्च खुद मेयर उठा रहे हैं राज्य सरकार से इस यात्रा के लिए न अनुमति ली गई और न ही राज्य ने दी है इसलिए उनका यह दौरा सरकारी नहीं बल्कि पूरी रह व्यक्तिगत है मूणत ने तमाम प्रावधानों का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत में कोई भी मंत्रालय या विभाग किसी विदेशी देश के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर तभी कर सकता है जब उसे कैबिनेट या कैबिनेट समितियों से स्वीकृति मिलती है इस तरह यात्रा में मेयर सरकार का प्रतिनिधित्व नहीं कर रहे हैं इस यात्रा के दौरान वे जो भी कर रहे हैं पूरी तरह व्यक्तिगत क्षमता में किया जा रहा है इसलिए उनके द्वारा हस्ताक्षरित किसी भी एमओयू को सरकारी समझौता नहीं माना जा सकता
एमओयू में जो बातें रहती हैं इसमें हैं ही नहीं
पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने बताया कि कथित एमओयू में रायपुर और मास्को के बीच लाइट मेट्रो विकसित करने में सहयोग का उल्लेख किया गया है। यह ऐसा कैसा एमओयू है जिसमें यही नहीं बताया गया कि फंड कैसे आएगा मेट्रो रेल बनाने के लिए तकनीक का हस्तांतरण कैसे होगा इसमें राज्य सरकार और केंद्र सरकार की भूमिका क्या रहेगी एमओयू में प्रारंभिक सर्वेक्षण और कार्यान्वयन योजना का भी कोई उल्लेख नहीं है मूणत ने कहा कि रायपुर समेत प्रदेश में जल्दी ही नगरीय निकाय के चुनाव होने वाले हैं मेयर ढेबर ने कथित तौर पर लोगों को यह सब्जबाग दिखाने की कोशिश की है