नगर निगम प्रशासन के खिलाफ जनता का आक्रोश फूटा है। आक्रोशित जनता सड़कों पर उतरी और निगम आयुक्त की शव यात्रा निकाली। वहीं दूसरी और महिलाओं ने सड़कों पर हुए गड्ढों में बेशरम के पौधे रोप कर विरोध जताया। नगर निगम में अधिकारियों की मनमानी चल रही है। जनता के पैसों का दुरुपयोग कर जगह जगह कार्य प्रारम्भ किया जाता है लेकिन उसे पूरा नहीं कर पा रहा है। काम आधा छोड़ राशि की बंदरबाट कर ली जाती है।
प्रियांक सिंह ठाकुर और सरिता भगत ने बताया कि शहर में पहले सड़क बनाई जाती है उसके बाद गड्ढ़ा खोद दिया जाता है। कभी सीवरेज के नाम पर तो कभी जल आवर्धन के पाइप के नाम पर। जहां निर्माण की जरूरत है वहां काम नहीं कराया जा रहा है। शहर का सतियारा घाट मुक्तिधाम की छत टूट चुकी है। शवों को खुले में अंतिम संस्कार किया जा रहा है। बारिश प्रारम्भ हो चुका है, ऐसे में शवों का अंतिम संस्कार कैसे होगा? इसी के विरोध में युवकों ने निगम आयुक्त की शव यात्रा निकाल कर उसी मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार भी किया। इसी तरह शहर की महिलाओं ने सिंधीबस्ती चौराहे के सड़क पर हुए गड्ढों में बेशरम के पौधे लगाकर विरोध प्रदर्शन किया और कुभकर्ण की नींद सोए निगम प्रशासन को जगाने का प्रयास किया।