सिपाही भर्ती परीक्षा कराने वाली कंपनी Edutest हुई ब्लैक लिस्ट, US भाग गया था मालिक!

उत्तर प्रदेश पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में बड़ा एक्शन लिया गया है. यूपी की स्पेशल टास्क फोर्स (UPSTF) की रिपोर्ट के बाद सिपाही भर्ती परीक्षा कराने वाले कंपनी एजुटेस्ट को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है. यूपीएसटीएफ की जांच के लिए मेरठ यूनिट विनीत आर्य को चार बार नोटिस भेजा गया था, लेकिन वह एक बार भी नहीं आए.

सिपाही भर्ती परीक्षा करने की जिम्मेदारी Edutest को दी गई थी. इसी कंपनी ने ही सिपाही भर्ती परीक्षा का पेपर पहुंचाने के लिए नोएडा की लॉजिस्टिक्स कंपनी को ठेका दिया था. एजुटेस्ट के लोगों ने ट्रांसपोर्ट कंपनी के वेयरहाउस का मुआयना किया था, वेयरहाउस में रखें बॉक्स से ही राजीव नयन मिश्रा के कहने पर शुभम मंडल को बुलाया और भर्ती का पेपर निकलवाया था.

एसटीएफ की जांच में यह बात सामने आने के बाद एजुटेस्ट के मालिक विनीत आर्य को चार बार नोटिस भेजकर बुलाया गया, लेकिन वह एक बार भी पूछताछ के लिए नहीं आए. जानकारी मिली की एसटीएफ की जांच शुरू होते ही विनीत आर्य अमेरीका चला गया था और अभी तक वापस नहीं लौटा है.

बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने फरवरी 2024 में पेपर लीक के चलते कुल 60,244 पदों की यूपी पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा रद्द कर दी थी. इस परीक्षा के लिए 48 लाख से ज्यादा उम्मीदवारों ने आवेदन किया था. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने परीक्षा रद्द करते हुए छ महीने के भीतर फिर से परीक्षा आयोजित करने का आश्वासन दिया था. बोर्ड जल्द ही परीक्षा नई डेट (UP Police Constable Re-Exam Date 2024) जारी करेगा. उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी तैयारी जारी रखें और अधिक जानकारी के लिए uppbpb की वेबसाइट  पर नजर बनाए रखें.

अधिकारियों से मांगी रिपोर्ट

अब यूपी पुलिस में रद्द हुई सिपाही भर्ती परीक्षा को दोबारा कराने की तैयारी शुरू कर दी गई है. इस बार परीक्षा में कोई गडबड़ी न हो इसे लेकर कई लेयर्स में सुरक्षा इंतजामों को चेक किया जा रहा है. दोबारा परीक्षा कराने के लिए भर्ती बोर्ड ने सभी जिलों के एसपी, एसएसपी और पुलिस कमिश्नर से रिपोर्ट मांगी है. भर्ती बोर्ड ने जिलों के कोषागारों के सुरक्षा इंतजामों के संबंध में रिपोर्ट मांगी है. बोर्ड ने पूछा है कि जिले के कोषागार परिसर परीक्षा सामग्री को रखवाने के लिए सुरक्षित हैं या नहीं? कोषागारों में डबल लॉक सिस्टम की व्यवस्था है या नहीं? अगर है तो दोनों लॉक की चाबियां अलग-अलग अफसरों के पास होनी चाहिए.

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