प्रतीक चौहान. रायपुर. पंडित जवाहरलाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय एवं डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय स्थित रेडियोलॉजी विभाग के द्वारा राज्य में पहली बार नॉन हीलिंग वर्टेब्रल कम्प्रेशन फ्रैक्चर (रीढ़ की हड्डी के फ्रैक्चर) से पीड़ित 79 वर्षीय बुजुर्ग महिला की वेसलप्लास्टी कर रीढ़ की हड्डी के तकलीफ एवं दर्द से निज़ात दिलाई. मरीज को विगत कई महीनों से दवा के सेवन से भी आराम नहीं मिल रहा था. इंटरवेंशनल रेडियोलॉजिस्ट डॉ. (प्रो.) विवेक पात्रे के नेतृत्व में किये गये इस उपचार प्रक्रिया में सुई की एक छेद के जरिये बोन फिलिंग बैलून कंटेनर सिस्टम के माध्यम से रीढ़ के हड्डी के अंदर छिद्रयुक्त बैलून में नीडिल की सहायता से बोन सीमेंट इंजेक्ट कर वर्टेब्रल कम्प्रेशन से राहत दी गई. यह राज्य का पहला वेसलप्लास्टी है जिसमें पिन होल तकनीक से बीमारी का उपचार किया गया.
वर्टेब्रल कम्प्रेशन में रीढ़ की हड्डी एक तरह से टूट जाती है या संपीडित (दब) हो जाती है. स्पाइन के कैंसर की बीमारी में भी कंप्रेशन फ्रैक्चर हो जाता है. आमतौर पर उम्र बढ़ने के साथ हड्डियां कमजोर हो जाती हैं, तब हल्के सी चोट से भी यह दिक्कत हो जाती है. यह बीमारी या समस्या ज्यादा दिन तक रहने पर स्पाइनल कैनाल के अंदर स्थित स्पाइनल कॉड को दबा देती है जिससे कमर के नीचे का हिस्सा काम करना बंद कर देता है और मरीज को लकवा हो जाता है.
केस के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी देते हुए डॉ. विवेक पात्रे बताते हैं कि वेसलप्लास्टी की सुविधा इससे पहले केवल महानगरों के बड़े अस्पतालों में ही होती थी लेकिन यह पहली बार है जब राज्य के किसी अस्पताल में इस प्रकार की नई तकनीक से
वर्टेब्रल कम्प्रेशन में रीढ़ की हड्डी एक तरह से टूट जाती है या संपीडित (दब) हो जाती है. स्पाइन के कैंसर की बीमारी में भी कंप्रेशन फ्रैक्चर हो जाता है. आमतौर पर उम्र बढ़ने के साथ हड्डियां कमजोर हो जाती हैं, तब हल्के सी चोट से भी यह दिक्कत हो जाती है. यह बीमारी या समस्या ज्यादा दिन तक रहने पर स्पाइनल कैनाल के अंदर स्थित स्पाइनल कॉड को दबा देती है जिससे कमर के नीचे का हिस्सा काम करना बंद कर देता है और मरीज को लकवा हो जाता है.
केस के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी देते हुए डॉ. विवेक पात्रे बताते हैं कि वेसलप्लास्टी की सुविधा इससे पहले केवल महानगरों के बड़े अस्पतालों में ही होती थी लेकिन यह पहली बार है जब राज्य के किसी अस्पताल में इस प्रकार की नई तकनीक से वेसलप्लास्टी की गई है. महिला को डी (डॉर्सल)12 वर्टेब्रल फ्रेैक्चर था जिसके कारण पिछले 9 महीने से असहनीय दर्द के कारण परेशान थी और एक महीने से वह बैठ नहीं पाती थी. सुई की छेद से की गई पूरी प्रक्रिया के बाद महिला आधे घंटे के बाद बैठने में समर्थ हो गई और उसे उसी दिन डिस्चार्ज कर दिया गया. हालांकि इतने अधिक उम्र के मरीजों में कोई भी प्रक्रिया काफी जोखिम भरा रहता है फिर भी रिस्क लेते हुए हमारी टीम ने इस प्रक्रिया के लिए तैयारी की. हमारे पास इस प्रक्रिया के लिए बीच के तीन मिनट बेहद अहम होते हैं जब पॉलीमेथिल मेथाक्रिलेट यानी बोन सीमेंट को तैयार कर तीन मिनट के भीतर ही इंजेक्ट करना रहता है क्योंकि यदि इसमें देरी की गई तो बोन सीमेंट बाहर के वातावरण में तुरंत ठोस अवस्था में परिवर्तित हो जाता है और जिस स्थान पर है वहीं जम जाता है इसीलिए बोन सीमेंट को प्रोसीजर से पहले फ्रिज के अंदर बेहद कम तापमान में रखा गया जिससे कि बॉडी में इंजेक्ट करने के दौरान वह देरी से जमे.