कांग्रेस का बड़ा ऐलान, वायनाड से उपचुनाव लड़ेंगी प्रियंका गांधी

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की वायनाड सीट को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आज बड़ा ऐलान किया। खड़गे ने कहा कि राहुल गांधी रायबरेली सीट अपने पास रखेंगे, वायनाड छोडेंगे। वायनाड से प्रियंका गांधी उपचुनाव लड़ेंगी। कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे के आवास पर दो घंटे लंबी बैठक हुई थी, जिसमें फैसला लिया गया कि राहुल गांधी रायबरेली सीट से सांसद रहेंगे, प्रियंका गांधी वायनाड से उपचुनाव लड़ेंगी।

हम दोनों रायबरेली में भी होंगे और वायनाड में भी

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मीडिया से कहा कि पार्टी ने तय किया है कि राहुल गांधी को रायबरेली की सीट रखनी चाहिए। वायनाड से खाली सीट पर प्रियंका गांधी वाड्रा चुनाव लड़ेंगी। वहीं इस बड़े फैसले पर प्रियंका गांधी ने भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मैं बहुत खुश हूं कि में वायनाड के लोगों का प्रतिनिधित्व करने जा रही हूं। उन्होंने कहा कि मैं वायनाड को राहुल गांधी की कमी महसूस नहीं होने दूंगी। उन्होंने कहा कि हम दोनों रायबरेली में भी होंगे और वायनाड में भी। वहीं पार्टी के इस फैसले पर राहुल गांधी ने कहा कि प्रियंका गांधी अच्छा काम करेंगी।

वायनाड के पास अब होंगे दो सांसद: राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कहा कि प्रियंका गांधी चुनाव लड़ेंगी और मुझे विश्वास है कि वो चुनाव जीतेंगी भी। अब वायनाड के लोग मान सकते हैं कि अब उनके पास एक नहीं दो सांसद हैं। एक मेरी बहन और दूसरा मैं। मेरे दरवाजे वायनाड के लोगों के लिए हमेशा खुले हुए हैं। मैं वायनाड के हर आदमी से प्यार करता हूं।

कांग्रेस को फायदा दे सकता है दोनों ही सीट पर गांधी परिवार का हो जाना

अब इस ऐलान के बड़े मायने निकल रहे हैं। एक तरफ अगर इस एक फैसले के बाद प्रियंका गांधी का चुनावी डेब्यू हो गया है तो वहीं दूसरी तरफ राहुल गांधी का रायबरेली सीट रखना भी बड़ी बात है। अब दोनों ही सीट पर गांधी परिवार का हो जाना कांग्रेस को फायदा दे सकता है। समझने वाली बात यह भी है कि अगर प्रियंका गांधी जीत जाती हैं तो लोकसभा में दोनों भाई-बहन साथ में बीजेपी से मुकाबला करेंगे, कांग्रेस को यह स्थिति फायदा दे सकती है।

Leave a Comment

और पढ़ें

हम आपको बता दें कि गुजरात में पार्टी का यह अधिवेशन 64 साल के बाद हो रहा है। इस अधिवेशन का विषय “न्याय पथ : संकल्प, समर्पण, संघर्ष” होगा। इस अधिवेशन के जरिए जिला कांग्रेस कमेटियों (डीसीसी) की शक्तियां बढ़ाने, संगठन सृजन के कार्य को तेज करने, चुनावी तैयारियों और पदाधिकारियों की जवाबदेही तय करने का निर्णय किया जाएगा। पार्टी के शीर्ष नेता, कार्य समिति के सदस्य, वरिष्ठ नेता और अखिल भारतीय कमेटी के सदस्य अधिवेशन में शामिल होंगे।

error: Content is protected !!