अफसर भाई-बहन ने मिलकर की ससुर की हत्या…! संपत्ति हड़पने के लिए बहु ने रची साजिश…हैरान करने वाली ‘कत्ल

नागपुर में हुए हिट एंड रन मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। हादसे में एक बुजुर्ग की मौत हो गई थी। पुलिस के अनुसार, यह मात्र इत्तेफाक नहीं बल्कि सोची-समझी एक हत्या की साजिश थी। यह साजिश किसी और ने नहीं बल्कि उसकी बहू ने ही रची थी। उद्देश्य पारिवारिक संपत्ति हड़पना।

300 करोड़ की संपत्ति हड़पने की साजिश

पुलिस ने बताया कि बहु अर्चना पुत्तेवार ने ससुर को टक्कर मारने के लिए लोगों को काम पर रखा था। उसने इसके लिए करीब एक करोड़ रुपये खर्च किए थे। बहु ने टक्कर मारने के लिए आरोपियों को पुरानी कार खरीदने के लिए पैसे दिए थे। जिससे यह हत्या एक हादसा जैसा लगे। महिला ने यह सब सिर्फ 300 करोड़ रुपये की संपत्ति हड़पने के लिए किया था। महिला ने अपने साथ जुर्म में पति के ड्राइवर बागड़े सहित दो और लोगों को शामिल किया था।

दो कार, आभूषण और फोन जब्त

पुलिस ने बताया कि उन्होंने आरोपियों के खिलाफ हत्या, मोटर वाहन अधिनियम की धाराओं सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है। पुलिस ने आरोपियों के पास से दो कार, सोने के आभूषण और मोबाइल फोन जब्त किए गए हैं। जांच में सामने आया कि बुजुर्ग पुरुषोत्तम पुत्तेवार अपनी पत्नी शकुंतला से मिलने अस्पताल गए थे। वापस आते समय किराए की कार ने उन्हें कुचल दिया। उनके बेटे और अर्चना के पति मनीष एक डॉक्टर हैं।

काम में भी कई अनियमितिताएं

आरोपी पत्नी अर्चना नगर नियोजन विभाग की अधिकारी हैं। इसके अलावा, जांच में सामने आया कि अर्चना अपना काम भी ढंग से नहीं करती थीं। उनके काम में भी काफी अनियमितताएं पाईं गईं। उनके खिलाफ कई शिकायतें थीं। उनके राजनीतिक संबंध काफी अच्छे थे। इसी वजह से उनके ऊपर कार्रवाई नहीं की गई। उन पर मानदंडों और मानकों के उल्लंघन का आरोप है। ससुर की गंभीर हत्या के आरोपों के कारण हो सकता है कि उन्हें अनियमितताओं के मामले में जांच का सामना करना पड़ सकता है।

पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार करके 15 जून तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया है। वहीं पीटीआई के अनुसार मुख्य आरोपी अर्चना को गुरुवार को अदालत में पेश किया जाएगा। वहीं पुलिस ने आरोपियों के पास दो कारें, एक एसयूवी, 140 ग्राम सोना, तीन लाख नगद और सात मोबाइल फोन जब्त किया है। जबकि पुलिस ने बताया कि इस हत्या की साजिश अर्चना, नागेश्वर और बागड़े ने बनाई थी। वहीं मोहन धार्मिक को बीयर बार के लाइसेंस दिलाने को लेकर वादा करके इसमें शामिल किया गया था।

 

 

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