गुना-शिवपुरी से सांसद निर्वाचित होने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया की राज्यसभा सीट रिक्त हो गई है। अब इस सीट पर उपचुनाव होगा। विधानसभा की संख्या के हिसाब से यह सीट भाजपा के ही खाते में जाना तय है। अभी इस सीट पर गुना से पूर्व सांसद केपी यादव को प्रबल दावेदार माना जा रहा था।
लोकसभा चुनाव के बाद प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की बुधनी और ज्योतिरादित्य सिंधिया की राज्यसभा सीट के उत्तराधिकारी को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। सिंधिया की खाली हुई सीट पर केपी यादव को राज्यसभा भेजने पर जातिगत समीकरण बाधा बन सकता है।
गुना-शिवपुरी से सांसद निर्वाचित होने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया की राज्यसभा सीट रिक्त हो गई है। अब इस सीट पर उपचुनाव होगा। विधानसभा की संख्या के हिसाब से यह सीट भाजपा के ही खाते में जाना तय है। अभी इस सीट पर गुना से पूर्व सांसद केपी यादव को प्रबल दावेदार माना जा रहा था। दरअसल, यादव का टिकट काट कर ही सिंधिया को प्रत्याशी बनाया गया। वहीं, चुनाव प्रचार के दौरान अमित शाह ने भी केपी यादव को दिल्ली ले जाने का संकेत दिया था, लेकिन अब पार्टी जातिगत समीकरण को देखते हुए राज्यसभा का उम्मीदवार तय करने पर विचार कर रही है। फरवरी में हुए राज्यसभा चुनाव में पार्टी ने ओबीसी बंशीलाल गुर्जर, दलित उमेश नाथ महाराज और महिला माया नारोलिया को राज्यसभा में भेजा। पार्टी सूत्रों का कहना है कि अब इस बार जातिगत समीकरण को साधने के लिए ब्राह्मण या ठाकुर से राज्यसभा का पद भरने की संभावना ज्यादा है। यदि ऐसा हुआ तो ओबीसी वर्ग से आने वाले पूर्व सांसद केपी यादव का पत्ता कटना तय है
राज्यसभा के लिए इन नामों की भी चर्चा
ज्योतिरादित्य सिंधिया का राज्यसभा का कार्यकाल 2026 तक था। अब उनके लोकसभा जाने के बाद खाली हुई सीट पर ब्राह्मण वर्ग से सबसे मजबूत दावेदार नरोत्तम मिश्रा हैं। मिश्रा को शाह का करीबी माना जाता है। उन्होंने ज्वाइनिंग टोली के संयोजक के रूप में बड़ी संख्या में चुनाव के दौरान कांग्रेस नेताओं को भाजपा में शामिल कराया। इससे भाजपा प्रदेश में क्लीन स्वीप करने में सफल हो पाई। वहीं, इसके अलावा पूर्व सांसद और महाराष्ट्र भाजपा के सह प्रभारी जयभान सिंह पवैया और विदिशा से पूर्व सांसद रमाकांत भार्गव भी दावेदार हैं।
शिवराज के उत्तराधिकारी कौन?
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान बुधनी विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देंगे। बुधनी की सीट खाली होने के बाद उपचुनाव होंगे। ऐसे में उनके उत्तराधिकारी को लेकर भी चर्चा तेज हो गई है। अभी विदिशा से पूर्व सांसद रमाकांत भार्गव और शिवराज के बड़े बेटे कार्तिकेय के नाम चर्चा में हैं। 70 वर्षीय रमाकांत भार्गव का टिकट काट कर शिवराज सिंह चौहान को प्रत्याशी बनाया गया था। भार्गव शिवराज के खास हैं, लेकिन उनकी उम्र आड़े आ सकती है। वहीं, दूसरा नाम कार्तिकेय का है। बुधनी सीट पर कार्तिकेय काफी सक्रिय हैं। हालांकि, यह भी संभव है कि परिवारवाद के आरोप से बचने के लिए शिवराज सिंह चौहान के परिवार के किसी सदस्य को टिकट नहीं दिया जाए।