नीट रिजल्ट सामने आने के बाद से ही मेडिकल छात्रों का कहना था कि एनटीए नीट के किसी स्टूडेंट को ग्रेस मार्क्स के तौर पर 100 नंबर कैसे दे सकता है.
NEET Controvery in Supeme Court: नीट परीक्षा में धांधली के आरोपों को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में दायर तीन याचिकाओं पर सुनवाई होनी है नीट परीक्षा कराने वाली एजेंसी एनटीए ने परीक्षा में छात्रों को जो ग्रेस मार्क्स दिए हैं उसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज दलील रखी जाएंगी. सुप्रीम कोर्ट परीक्षा रद्द और री-एग्जाम पर सुनवाई करेगा.
इन याचिकाओं पर सुनवाई आज
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका फिजिक्स वाला के सीईओ अलख पांडे ने दायर की थी. अलख पांडे ने दावा किया था कि एनटीए का ग्रेस मार्क्स देने का फैसला “मनमाना” था. अलख पांडे ने लगभग 20,000 छात्रों की पिटीशन सुप्रीम कोर्ट में फाइल की है. दूसरी याचिका एसआईओ के सदस्य अब्दुल्ला मोहम्मद फैज और डॉ. शेख रोशन मोहिद्दीन ने दायर की थी, जिसमें नीट-यूजी 2024 के नतीजों को वापस लेने और नए सिरे से परीक्षा आयोजित करने की मांग की गई थी. याचिकाकर्ताओं ने ग्रेस मार्क्स देने में एनटीए की मनमानी का आरोप लगाया, जिसमें बताया गया कि 720 में से 718 और 719 अंक मिलना नामुमकिन है. तीसरी याचिका नीट उम्मीदवार जरीपिति कार्तिक ने दायर की थी, जिसमें परीक्षा के दौरान लॉस ऑफ टाइम की वजह से ग्रेस मार्क्स दिए जाने पर आपत्ति जताई है.
ग्रेस मार्क्स से छात्रों पर क्या असर पड़ा?
नीट रिजल्ट जारी होने के बाद जब एक ही सेंटर ने 8 टॉपर निकले और 67 स्टूडेंट के 720 में से 720 अंक आए तो मेडिकल स्टूडेंट्स ने परिणाम में अनियमितता को लेकर एनटीए से सवाल पूछे और परीक्षा में धांधली का आरोप लगाए. एनटीए ने बताया कि परीक्षा में 1563 बच्चों लॉस ऑफ टाइम की वजह से ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं. यह ग्रेस मार्किंग 10, 20 या 30 नंबर की नहीं 100 से 150 नंबर तक की दी गई थी, जिसकी वजह से कई बच्चे मेरिट से बाहर हो गए, जबकि जो मेरिट में आए उन्हें ज्यादा टॉपर की वजह से गवर्नमेंट कॉलेज में एडमिशन पाना मुश्किल दिखाई दे रहा है.
एनटीए ने ग्रेस मार्क्स पर कही ये बात
एनटीए ने अभी आधिकारकि वेबसाइट पर छात्रों के आम सवालों को लेकर जानकारी दी. एनटीए ने कहा है कि ग्रेस मार्क्स की वजह से दो उम्मीदवारों को 718 और 719 अंक प्राप्त हुए हैं. सिर्फ 1563 उम्मीदवारों को ही ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं, क्योंकि परीक्षा शुरू होने में देरी हो गई है. लॉस ऑफ टाइम की वजह से इन कैंडिडेट्स को ग्रेस मार्क्स मिले हैं. साथ ही एनटीए ने इन सवालों की जानकारी भी दी है जिनपर ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं.
बता दें कि इससे पहले एनटीए के डायरेक्टर जनरल सुबोध कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था कि सिंह ने कहा, ‘स्टूडेट्स को ग्रेस अंक देने से नतीजों या क्वालिफाइंग क्राइटेरिया पर कोई फर्क नहीं पड़ा है. उन्होंने बताया कि यह मसला सिर्फ 1563 स्टूडेंट्स का है. पेपर 23 लाख से ज्यादा बच्चों ने दिया था. 4750 सेंटर की बजाय सिर्फ 6 सेंटर का मामला है.