Indore: मालवा निमाड़ के तीन सांसद भी मंत्रीपद की दौड़ मेें,जातिगत समीकरणों पर भरोसा

केंद्रीय मंत्रीमंडल में मालवा निमाड़ का हमेशा से दबदबा रहा है। चाहे कांग्रेस की सरकार हो या भाजपा की। मालवा निमाड़ से चुने गए सांसदों को मंत्री पद मिला है। कांग्रेस सांसद रहे प्रकाशचंद्र सेठी वर्ष 1971 की कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे।

एनडीए सरकार के मंत्रीमंडल का गठन होने वाला हैै। मालवा निमाड़ के दो से तीन बार लगातार चुनाव जीते सांसद सुधीर गुप्ता, गजेंद्र पटेल, शंकर लालवानी भी दौड़ में है। उन्हे जातिगत समीकरणों पर भरोसा है। फिलहाल मालवा निमाड़ के सांसद भी दिल्ली में डेरा डाले हुए है और मंत्री बनने की संभावनाएं टटोल रहे है।

मालवा निमाड़ के आठों लोकसभा क्षेत्रों से भाजपा उम्मीदवार लाखों मतों के मार्जिन से जीते हैै। सांसद सुधीर गुप्ता ने जीत की हैट्रिक लगाई है  और चार लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से जीत दर्ज कराई है। गुप्ता वैश्य समाज से आते है।

वरिष्ठता के नेता वे भी मंत्री पद की उम्मीद लगाए हुए है। देश में सबसे ज्यादा वोटों से जीतने वाले शंकर लालवानी दूसरी बार सांसद बने है। वे सिंधी समाज से आते है। सिंधी समाज भाजपा का वोटबैैंक माना जाता है।

लालवानी के लिए समाज के राष्ट्रीय संगठन भी लाबिंग कर रहे हैै। आदिवासी समाज से आने वाले गजेंद्र पटेल भी खरगोन लोकसभा सीट से दूसरी बार चुनाव जीते है, हालांकि आठों विधानसभा सीट में उनके वोटों का मार्जिन सबसे कम था। अनुसूचित जाति कोटे से अनिल फिरोजिया और देवास सांसद महेंद्र सोलंकी भी मंत्रीपद की कोशिश में जुटे है। दोनो दूसरी बार सांसद बने है।

मालवा निमाड़ के सांसद पहुंचे बड़े पदों तक

केंद्रीय मंत्रीमंडल में मालवा निमाड़ का हमेशा से दबदबा रहा है। चाहे कांग्रेस की सरकार हो या भाजपा की। मालवा निमाड़ से चुने गए सांसदों को मंत्री पद मिला है। कांग्रेस सांसद रहे प्रकाशचंद्र सेठी वर्ष 1971 की कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे। वे राज्य मंत्री, इस्पात मंत्री, पेट्रोलियम व रसायन मंत्री व गृह मंत्री तक रह चुके है।

आठ बार सांसद रही सुमित्रा महाजन लोकसभा स्पीकर के अलावा मानव संसाधन, संचार व पेट्रोलियम मंत्री रह चुकी है। इंदौर निवासी अनिल माधव दवे मोदी सरकार में पर्यावरण, वन व जलवायु मंत्री रहे है। मंत्री रहते उनका निधन हो गया था। निमाड़ की राजनीति में दबदबा रखने वाले सुभाष यादव के बेटे अरुण यादव और झाबुआ से सांसद रहे कांतिलाल भूरिया भी यूपीए सरकार में मंत्री रह चुके है।

 

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