इसे नेता बना देना, इसे सुल्तान बना देना…”, कन्नौज में अखिलेश ने याद दिलाया मुलायम सिंह यादव वाला कनेक्शन

कन्नौज की रैली में अखिलेश यादव और राहुल गांधी 2017 के बाद पहली बार एक साथ किसी चुनावी मंच पर एक साथ नजर आए हैं. उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस इंडिया गठबंधन के तहत चुनाव लड़ रही है.

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव (Loksabha election) के चौथे चरण के लिए अगले कुछ दिनों में अब मतदान होना है. ऐसे में चुनाव प्रचार अब जोरों पर है. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को कन्नौज में चुनाव प्रचार भी किया. बता दें कि कन्नौज से अखिलेश यादव खुद ही उम्मीदवार भी हैं. कन्नौज में चुनाव प्रचार के दौरान अखिलेश यादव के साथ कांग्रेस के राहुल गांधी भी मौजूद थे. 2017 के बाद यह पहला मौका है जब अखिलेश यादव और राहुल गांधी ने एक साथ मंच साझा किया है. कन्नौज में चुनाव रैली को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव ने पिता मुलायम सिंह यादव के कन्नौज कनेक्शन की भी बात याद दिला दी.

INDIA गठबंधन जीत रहा है”

आपको बता दें कि इस रैली में अखिलेश यादव के साथ राहुल गांधी भी मौजूद थे. इस रैली को अखिलेश यादव के बाद राहुल गांधी ने भी संबोधित किया. इस दौरान राहुल गांधी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में इंडिया गठबंधन जीतने जा रहा है. राज्य में गठबंधन का ही तूफान है. राहुल ने कहा कि यूपी की जनता ने देश में बदलाव का मन बना लिया है. उन्होंने कहा कि डर के समय उन्हीं लोगों का नाम लिया जाता है, जो बचा सके. राहुल गांधी ने कहा कि इंडिया गठबंधन के नेता आज यहां पर मौजूद हैं.

“हम बब्बर शेर बनकर कर रहे हैं शिकार”

राहुल ने कहा कि अब हम बब्बर शेर बनकर शिकार कर रहे हैं.” बीजेपी सरकार पर हमलावर राहुल गांधी ने कहा कि आपके ध्यान को भटकाने की कोशिश की जाएगी, लेकिन आप को अलर्ट रहना, क्यों कि मुद्दा संविधान को बचाने का है. देश में आज नौकरी, जमीन और संविधान ही मुद्दा है. राहुल ने कहा कि उद्योगपतियों का कर्ज माफ कर दिया गया, लेकिन किसान, मजदूर और बेरोजगारों का कर्ज माफ नहीं किया गया.उन्होंने वादा किया कि अगर उनकी सरकार बनती है तो हर महिला के खआते में 1 लाख रुपए डाले जाएंगे., इससे उनकी जिंदगी बदल जाएगी.

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हम आपको बता दें कि गुजरात में पार्टी का यह अधिवेशन 64 साल के बाद हो रहा है। इस अधिवेशन का विषय “न्याय पथ : संकल्प, समर्पण, संघर्ष” होगा। इस अधिवेशन के जरिए जिला कांग्रेस कमेटियों (डीसीसी) की शक्तियां बढ़ाने, संगठन सृजन के कार्य को तेज करने, चुनावी तैयारियों और पदाधिकारियों की जवाबदेही तय करने का निर्णय किया जाएगा। पार्टी के शीर्ष नेता, कार्य समिति के सदस्य, वरिष्ठ नेता और अखिल भारतीय कमेटी के सदस्य अधिवेशन में शामिल होंगे।

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