बिजनेसमैन की पत्नी 30 साल की स्वीटी ने दीक्षा ले ली. उनके पति मनीष कर्नाटक में बिजनेसमैन हैं. उनके साथ उनका 11 साल का बेटा हृदन भी भिक्षु बना है. महिला ने तब ही भिक्षु बनने का फैसला लिया था, जब वो गर्भवती थीं.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, इनके एक रिश्तेदार विवेक ने बताया कि भावशुद्धि रेखा श्री जी जब गर्भवती थीं, तभी उन्होंने भिक्षु बनने का फैसला लिया था. उन्होंने तब ये भी सोच लिया था कि उनका बच्चा उनके ही नक्शे कदम पर चलेगा और जैन भिक्षु बनेगा.
उनके बेटे का पालन-पोषण इस समझ के साथ हुआ कि वो मठवासी वाले जीवन में प्रवेश करेगा. भावशुद्धि रेखा श्री जी के संकल्प को सुनकर उनके पति मनीष ने इसका समर्थन किया. विवेक ने बताया कि मनीष और परिवार के अन्य लोग ‘खुश हैं और उन पर गर्व करते हैं.’ मां-बेटे का दीक्षा समारोह जनवरी 2024 में गुजरात के सूरत में बहुत धूमधाम से हुआ था. दोनों अब सूरत में भी रहते हैं. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर मां-बेटे का एक वीडियो भी शेयर किया गया है.
इससे पहले गुजरात के एक अमीर जैन कपल ने भिक्षु बनने के लिए लगभग 200 करोड़ रुपये की संपत्ति त्याग दी थी. भावेश भंडारी और उनकी पत्नी ने भिक्षु का जीवन जीने के लिए फरवरी में एक औपचारिक समारोह आयोजित किया था. इस कपल का एक बेटा और एक बेटी है, जिन्होंने 2022 में दीक्षा ली थी.