IIT JEE Mains Success Story Ashish Chaudhary: IIT JEE देश की प्रतिष्ठित और सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है. हर हजारों-लाखों छात्र इस परीक्षा की तैयारी के लिए कोचिंग करने अपना घर छोड़कर बाहर जाते हैं. लेकिन आशीष ने बिना कोचिंग सेल्फ स्टडी के दम पर यह परीक्षा न सिर्फ पास की है, बल्कि अच्छा स्कोर किया है
जेईई मेन्स रिजल्ट के बाद 27 अप्रैल से जेईई एडवांस्ड 2024 के लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस शुरू हो चुका है. जेईई एडवांस्ड एग्जाम 26 मई को दो शिफ्ट में आयोजित किया जाएगा. इस परीक्षा के लिए टॉप 2.50 लाख रैंक में शामिल उम्मीदवार बैठ सकेंगे. जिनमें से एक राजस्थान, अलवर के छोटे से सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले छात्र आशीष भी शामिल हैं. आशीष ने 99.36 परसेंटाइल के साथ जेईई मेन्स क्लियर की है. बिना कोचिंग, सरकारी स्कूल से पढ़कर यह सफलता पाने वाले आशीष ने राजस्थान ही नहीं पूरे देश में एक मिसाल कायम की. आशीष के अचीवमेंट को देखकर राजस्थान प्रदेश के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने उन्हें फोन पर कामयाबी की बधाई दी.
गांव के छोटे से सरकारी स्कूल से IIT दिल्ली तक
आशीष ने अलवर में कठूमर के स्वामी विवेकानंद सरकारी मॉडल स्कूल से पढ़ाई की है और यहीं से पढ़कर जेईई मेन्स में 99.36 परसेंटाइल स्कोर करके अब जेईई एडवांस्ड की तैयारी कर रहे हैं. उनकी इच्छा है कि वे आईआईटी दिल्ली से पढ़ाई करें. एक छोटे से गांव के सरकारी स्कूल से पढ़कर आईआईटी दिल्ली तक का सफर (भविष्य में अगर एडमिशन हो जाता है तो) वाकई में हजारों-लाखों युवाओं के लिए मोटिवेट कर सकता है.
बिना कोचिंग पास किया जेईई मेन्स एग्जाम
IIT JEE देश की प्रतिष्ठित और सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है. हर हजारों-लाखों छात्र इस परीक्षा की तैयारी के लिए कोचिंग करने के अपना घर छोड़कर दूसरी जगह (जैसे देश के अलग-अलग राज्यों के छात्र जेईई-नीट की तैयारी के लिए राजस्थान के कोटा आते हैं) जाते हैं. लेकिन आशीष ने बिना कोचिंग सेल्फ स्टडी के दम पर यह परीक्षा न सिर्फ पास की है, बल्कि अच्छे मार्क्स हासिल किए हैं
आशीष ने कैसे की तैयारी?
आशीष बताते हैं कि पिता के गाइडेंस व सरकारी स्कूल के शिक्षकों की मदद से इस लक्ष्य को प्राप्त किया है. उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूल के शिक्षकों की मदद से उन्होंने जेईई मेन्स की तैयारी की है. शिक्षकों ने कॉन्सेप्ट्स समझने और क्लियर करने में उनकी मदद की है. इसके अलावा ऑनलाइन टेस्ट देकर खुद को साबित करके दिखाया. आशीष ने कहा कि वो प्रतिदिन तीन से चार घंटे अलग-अलग विषय के अनुसार पढ़ाई करते थे. इस बीच अगर कोई दिक्कत होती तो स्कूल के शिक्षकों से अपनी समस्या का समाधान करते थे. साथ ही ऑनलाइन वीडियो की मदद से भी उन्होंने पढ़ाई की. ऑनलाइन टेस्ट दिए तो यूट्यूब वीडियो देखकर अपने डाउट्स क्लियर किया.
टीचर हैं पिता, जिन्होंने दिखाया IIT का सपना, अब सच होगा
आशीष ने आजतक से खास बातचीत में कहा कि उनके पिता हरभान सिंह सरकारी स्कूल में शिक्षक हैं. जबकि माता वंदना देवी ग्रहणी हैं. उनकी छोटी बहन अनु 10वीं क्लास में पढ़ाई कर रही हैं. उन्होंने कहा कि वो हमेशा अपने पिता की गाइडेंस से चलते हैं. छठी कक्षा से ही उन्होंने आईआईटी दिल्ली में पढ़ने का फैसला लिया और उसके बाद से वो अपने लक्ष्य पर लग गए. दसवीं कक्षा में 94 प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे. तो 12वीं कक्षा में भी बेहतर परिणाम आने की उम्मीद है. आशीष की तारीफ अब पूरे देश में हो रही है. तो आशीष सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के लिए आदर्श बन चुके हैं. साथ ही उन स्टूडेंट के लिए
शिक्षा मंत्री ने अशीष को फोन पर क्या-क्या कहा
आशीष के अचीवमेंट को देखकर राजस्थान प्रदेश के शिक्षा मंत्री मदद दिलावर ने उनको फोन किया. आशीष को उनकी कामयाबी पर बधाई दी. इतना ही नहीं मंत्री ने आशीष के परिजनों से भी बात की और उन्हें भी बधाई देते हुए बेटे के उज्जवल भविष्य की कामना की. आशीष ने कहा कि उन्हें खुशी है कि प्रदेश के शिक्षा मंत्री का उनके पास फोन आया. अब वो जेईई एडवांस्ड की तैयारी कर रहे हैं और पहले से भी ज्यादा बेहतर परिणाम आए. इसके लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं. आशीष ने मिली सफलता का श्रेय माता-पिता और स्कूल के शिक्षकों को दिया. साथ ही देश के हजारों लाखों स्टूडेंट को संदेश देते हुए कहा की सभी को अपना लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए और उस लक्ष्य को पाने के लिए मन से प्रयास करने चाहि