कमिश्नर शहडोल संभाग श्री बीएस जामोद ने शहडोल जिले के अनूपपुर, उमरिया एवं शहडोल कलेक्टरों को पत्र जारी कहा है कि शहडोल संभाग में योगा, पीटी, फुटबॉल, खो-खो, कबड्डी, बॉलीबॉल, हैण्डबॉल, टी.टी., बास्केटबॉल, बैडमिन्टन, एथलेटिक्स, कराते, सपक टकरा, लाठी, बॉक्सिंग, ताइक्वांडो, वूशू क्लाइंविंगवॉल और स्थानीय खेल, सांस्कृतिक एवं चित्रकला कार्यक्रम सुबह 5:30 बजे से 8:00 एवं शाम के 4:30 बजे से 7:00 बजे तक आयोजित करना सुनिश्चित करें। जारी पत्र में कहा गया है कि उक्त समस्त खेलों का आयोजन विकासखण्ड मुख्यालय के साथ-साथ सभी जिलों के उन सभी स्थानों पर प्रशिक्षण कैम्प का आयोजन किया जाये, जहाँ-जहाँ विधावार खेल के मैदान उपलब्ध हों। उक्त परीक्षण कैम्प जनजातीय कार्य विभाग, शिक्षा विभाग, खेल युवा कल्याण विभाग, कोलमाइन्स एवं रेल्वे में कार्यरत खिलाड़ियों, राष्ट्रीय, सीनियर खिलाड़ी के विधाओं के जानकार प्रशिक्षकों की सेवाएं ली जायें। खेल प्रशिक्षण के साथ-साथ खेलों के नियमों की भी जानकारी नोट कराकर दिया जाये। योगा और पीटी प्रतिदिन अनिवार्य रूप से कराया जायेगा,स्थानीय खेलों के आयोजन के अंतर्गत रस्सी कूद, पिट्टू, तीनटांग की दौड़, मेढक दौड़, कुर्सी दौड़, गणित दौड़, स्ट्रेचर दौड़, जलेबी दौड़, बोरा दौड़, आदि मनोरंजक खेल का आयोजन भी किया जा सकता है। उक्त कार्यक्रम प्रतिदिन दो पालियों में आयोजित होंगे,जिलों में जिला मुख्यालय एवं खण्ड मुख्यालय में जहां-जहां व्यायाम शिक्षक पदस्थ हैं, उन स्थानों पर भी अनिवार्य रूप से विधावार उपलब्ध खेल मैदानों के अनुसार खेल शिविर का आयोजन किया जाना सुनिश्चित करें,शिविर में सम्मिलित होने वाले सभी खिलाड़ियों के लिये साप्ताहिक कार्यक्रम के अंतर्गत खिलाड़ियों के लिये नास्ता व्यवस्था जैसे बिस्किट, चना, छांछ, पना, ग्लूकोज, ORS, पोहा, केला और सेव, संतरा आदि की व्यवस्था खेल एवं युवा कल्याण विभाग के माध्यम से 06 दिवसों में अलग-अलग उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें,शिविर के देख-रेख की सम्पूर्ण जवाबदारी खेल एवं युवा कल्याण विभाग को सौंपी जाती है. जो जनजातीय कार्य विभाग एवं शिक्षा विभाग के अधिकारी / कर्मचारियों से समन्वय स्थापित कर शिविर को सुचारू रूप से संचालित कर सफल बनाना सुनिश्चित करेंगे,शिविर में भाग लेने वाले खिलाड़ियों के साथ-साथ नए खिलाड़ी खासकर ग्रामीणजन, जो खेल विधाओं से परिचित नहीं है। ऐसे खिलाड़ी बच्चों को उनकी प्रतिभा, खेल कौशल को देखते हुए उन्हें इस खेल से जोड़ा जाए जिसमें वह आगे एक अच्छा खिलाड़ी बन सके,विस्तृत कार्य योजना तैयार कर प्रस्तुत किया जाए कि कौन-कौन से खेल में कौन-कौन कोच होंगे, कहां-कहां पर शिविर का आयोजन किया जाना है। प्रत्येक खेल में खिलाड़ियों की अनुमानित संख्या इत्यादि। सब की जानकारी प्रस्तुत की जाए।