हंगामे के बीच मेयर के सदन से जाने के बाद बीजेपी के कई पार्षद ब्लूटूथ स्पीकर पर हरियाणवी गीत बजाकर नाचते नज़र आए. हरियाणवी गीत के बोल ‘फिरसे मोदीजी की सरकार देखना चाहूं सू…अबकी बार 400 पार देखना चाहूं सू’ थे. इस गीत पर न सिर्फ बीजेपी के पुरुष पार्षद नाचते दिखे, बल्कि महिला पार्षद भी भगवा गमछा लहराते नज़र आईं
दिल्ली नगर निगम (MCD) में शुक्रवार को BJP और AAP पार्षदों ने जमकर हंगामा और नारेबाजी की. इस बीच सदन में एक अनोखा नज़ारा देखने को मिला.अप्रैल के महीने में होने वाली MCD सदन की पहली बैठक की कार्यवाही स्थगित होने के बाद भारतीय जनता पार्टी के पार्षद हरियाणवी गीतों पर नाचते-झूमते होना था, लेकिन पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति ना होने की वजह से चुनाव नहीं हो पाए.
चुनाव भले न हुआ हो, लेकिन नियमानुसार नगर निगम की बैठक की शुरुआत हुई. बैठक के दौरान मेयर चुनाव ना हो पाने की वजह से AAP और BJP के पार्षद एक-दूसरे के खिलाफ सदन में विरोध करते रहे. जब मेयर सदन में पंहुचीं, तब भी हंगामा चलता रहा और मेयर ने सदन की कार्यवाही अगली तारीख़ तक के लिए स्थगित कर दी.
महिला पार्षद ने लहराया भगवा गमछा
हंगामे के बीच मेयर के सदन से जाने के बाद बीजेपी के कई पार्षद ब्लूटूथ स्पीकर पर हरियाणवी गीत बजाकर नाचते नज़र आए. हरियाणवी गीत के बोल ‘फिरसे मोदीजी की सरकार देखना चाहूं सू…अबकी बार 400 पार देखना चाहूं सू’ थे. इस गीत पर न सिर्फ बीजेपी के पुरुष पार्षद नाचते दिखे, बल्कि महिला पार्षद भी भगवा गमछा लहराते नज़र आईं.
मेयर शैली ओबेरॉय ने साधा निशाना
अब आम आदमी पार्टी भाजपा पार्षदों के MCD सदन में नाचने के वीडियो को मुद्दा बनाकर घेराव कर रही है. मेयर शैली ओबेरॉय ने सोशल मीडिया पर लिखा कि ‘देखिए भाजपा के पार्षद नाच रहे हैं. एक दलित के बेटे का हक़ मारने के बाद भाजपा के पार्षद खुशियां मना रहे हैं. आज बाबा साहेब अंबेडकर होते तो ये अन्याय होने ना देते.’
AAP नेता ने किया पलटवार
वहीं, मंत्री सौरभ भारद्वाज ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि ‘देखिए भाजपा के पार्षद ख़ुशी में नाच रहे हैं. मेयर चुनाव रद्द हुआ है. आम आदमी पार्टी प्रदर्शन कर रही है और भाजपा नाच रही है. सवाल है ये क्यों खुश हैं?’
दिल्ली में क्यों टला मेयर चुनाव?
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने चीफ सेक्रेटरी को बताया था कि जीएनसीटीडी एक्ट के तहत चुनाव करवाने के लिए पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति जरूरी है. तय प्रक्रिया के मुताबिक दिल्ली के मुख्यमंत्री के प्रस्ताव पर ही उपराज्यपाल पीठासीन अधिकारी के नाम पर फैसला लेते हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री फिलहाल न्यायिक हिरासत में है, ऐसे में कानूनी बाध्यता की वजह से मेयर का चुनाव नहीं हो सकता है. 250 पार्षदों के बीच में से बिना मुख्यमंत्री के प्रस्ताव किसी को भी पीठासीन अधिकारी नहीं बनाया जा सकता है. ये परिस्थिति सामान्य नहीं है, क्योंकि इस समय मुख्यमंत्री जेल में है. इसलिए एलजी ने अपने प्रशासनिक अधिकार का प्रयोग करते हुए मौजूदा मेयर और डिप्टी मेयर को ही फिलहाल पद पर बने रहने का आदेश दिया है.
आम आदमी पार्टी का बीजेपी पर हमला
आम आदमी पार्टी सरकार में शहरी विकास विभाग के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि यह एक तय प्रक्रिया है कि जो वर्तमान में अभी मेयर है, वही व्यक्ति आने वाले मेयर चुनाव के लिए प्रिसाइडिंग ऑफिसर (पीठासीन अधिकारी) नियुक्त किया जाता है. उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया दशकों से चली आ रही संवैधानिक परंपरा है. लेकिन मुझे बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि भाजपा शासित केंद्र सरकार के द्वारा नियुक्त किए गए दिल्ली के उपराज्यपाल दशकों पुरानी इस संवैधानिक परंपरा को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि नियम के अनुसार पीठासीन अधिकारी को नियुक्त करने की जो फाइल मुख्य सचिव के द्वारा शहरी विकास मंत्री को भेजी जाती है और शहरी विकास मंत्री के कार्यालय से मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजी जाती है और मुख्यमंत्री कार्यालय से फिर उपराज्यपाल महोदय के कार्यालय जाती है, लेकिन इस बार उस प्रक्रिया को दरकिनार करते हुए शहरी विकास मंत्री की अनुमति के बिना मुख्य सचिव ने बायपास कर वह फाइल सीधे उपराज्यपाल के कार्यालय को भेज दी गई है. सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मैं भाजपा शासित केंद्र सरकार और दिल्ली के उपराज्यपाल से पूछना चाहता हूं कि आखिर यह चोरी क्यों की जा रही है?