वो आखिरी बातचीत… सीकर में कार सवार 7 लोगों ने जिंदा जलने से कुछ देर पहले ही घर पर किया था फोन

सीकर में हुए हादसे में मेरठ के रहने वाले एक ही परिवार के सात लोगों की मौत हो गई है. इस हादसे से करीब एक घंटे पहले मृतक हार्दिक ने अपनी ताई से फोन पर बात की थी. जिसमें उन्होंने बताया था कि हमने सालासर बालाजी के दर्शन कर लिए हैं और अब घर के लिए निकल रहे हैं.

राजस्थान के सीकर में हुए हादसे में मेरठ के रहने वाले हार्दिक बिंदल का पूरा परिवार खत्म हो गया है. मौसी और उनके बेटे की भी इस हादसे में मौत हो गई. हादसे के करीब एक घंटा पहले हार्दिक की ताई कमलेश से फोन पर बात हुई थी, जिसमें उन्होंने बताया था कि दर्शन हो गए हैं अब वो घर लौट रहे हैं.

मृतक हार्दिक की ताई कमलेश ने बताया कि उसने कहा था, “जीण माता और बालाजी के दर्शन कर लिए हैं. वे अब घर लौटेंगे.” कमलेश रोते हुए यही कह रही थी कि हार्दिक ने जल्द वापस आने का कहा था, लेकिन कुछ देर बाद ही मनहूस खबर आ गई. बता दें कि हार्दिक की मेरठ के  शारदा रोड पर देसी तड़का नाम से रेस्टोरेंट और गारमेंट की दुकान थी

हार्दिक के परिवार में शादी के बाद सीकर की जीण माता मंदिर में दर्शन करने के लिए जाने की परंपरा है, लेकिन हार्दिक की शादी करीब आठ साल पहले शादी हुई थी और वो मंदिर में इस गठजोड़ा की रस्म निभाने के लिए नहीं जा पाए थे. शनिवार को हार्दिक अपने परिवार और  माधववपुरम के आरकेपुरम में रहने वाली मौसी नीलम और उनके बेटे आशुतोष के साथ सेंट्रो कार से निकले थे. जीण माता और सालासर बालाजी के दर्शन के बाद पूरा परिवार मेरठ लौट रहा था.

कार लॉक की वजह से नहीं बच पाई जान   

जब वो सीकर जिले में फतेहपुर कोतवाली इलाके की आशीर्वाद पुलिया के पास पहुंचे थे तभी उनकी कार आगे चल रहे ट्रक में घुस गई और टक्कर के बाद दोनों गाड़ियों में आग लग गई. कार लॉक होने की वजह से पीछे बैठे लोग बाहर नहीं निकल पाए और कार में सवार सभी सात  लोग जिंदा जल गए. जब तक फायर ब्रिगेड की टीम पहुंचती तब तक सातों लोगों के शव बुरी तरह जल चुके थे.

ओवरटेक की वजह से ट्रक के नीचे घुसी कार 

बताया जा रहा है कि कार ने सालासर पुलिया पर ट्रक को ओवरटेक करने की कोशिश की थी, लेकिन सामने से दूसरी गाड़ी आ रही थी इसलिए कार को कंट्रोल करने की कोशिश में ये हादसा हो गया. गैस पाइप के फटने से गैसकिट सिलेंडर में तुरंत आग लग गई और देखते-देखते कार में आग फैल गई. ट्रक में भरी कॉटन रोल ने आग में घी डालने का काम किया. राहगीरों ने उन्हें बचाने का प्रयास भी किया, लेकिन गेट नहीं खुला और कुछ ही पल में आग ने सात जिंदगियां लील ली.

एक ही परिवार के सदस्य थे सभी मृतक  

पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस हादसे में जान गंवाने वाले सभी लोग मेरठ के रहने वाले थे और एक ही परिवार के थे. कार में हार्दिक (37), उनकी मां मंजू (58), पत्नी स्वाति (32) और दो बेटियां दीक्षा (7) और स्वाति (4) के अलावा मौसी नीलम (55) और उनका बेटा आशुतोष (20) था.

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