गाजीपुर में अफजाल अंसारी के खिलाफ उतरे पारस नाथ राय ने बताया कि उन्होंने बीजेपी से टिकट नहीं मांगा था. उन्होंने कहा कि उन्हें टिकट मिलने की जानकारी उस समय हुई, जब वो क्लास में पढ़ा रहे थे.
भारतीय जनता पार्टी ने गाजीपुर लोकसभा क्षेत्र में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी अफजाल अंसारी के सामने पारस नाथ राय को उतारा है. राय ने बताया कि जब उन्हें चुनाव लड़ने की जानकारी मिली, उस समय वो क्लास में पढ़ा रहे थे. उन्होंने कहा कि जब मुझे पहले बताया गया तो मुझे नहीं लगा कि मैं प्रत्याशी हो गया हूं.
पारस नाथ राय जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल और गाजीपुर के पूर्व सांसद मनोज सिन्हा के करीबी माने जाते हैं. राय ने बताया कि जब उन्हें टिकट मिला तो वो चौंके नहीं. उन्होंने कहा, “हमको लगा संगठन ने कोई दूसरी जिम्मेदारी दे दी है तो अगला काम करना चाहिए. हमने टिकट नहीं मांगा था.”
क्यों मिला टिकट? पारस ने बताया
राय से जब पूछा गया कि आपको ये टिकट क्यों मिला है? इस पर उन्होंने कहा, “हम साधारण स्वयंसेवक रहे हैं. संगठन ने जो भी दायित्व दिया है, हमने वो काम पूर्ण मनोयोग से किया है. आज संगठन ने सोचा कि मैं पार्लियामेंट लड़ूं तो अचानक सूचना मेरे पास आई, मैं तैयार हूं लड़ने के लिए.”
जब पारस से पत्रकारों ने पूछा कि आपके सामने अफजाल अंसारी हैं, जोकि यहां से कई बार चुनाव जीत चुके हैं तो उन्होंने कहा कि सामने कोई भी रहे मैं तो सिपाही हूं और हमेशा सिपाही की तरह लड़ा हूं. चाहे सामने एक बार का सांसद हो या पांच बार का. मुझे लड़ना है और लड़ाई जीतनी है.
जिले की गली-गली, दरवाजे-दरवाजे घूमा हूं: पारस नाथ
उन्होंने कहा कि मैं पूरे गाजीपुर जिले की गली-गली, दरवाजे-दरवाजे घूमा हूं. ऐसा कोई भी गांव नहीं है, जहां मैं न गया हूं. मेरी मोटरसाइकिल हर दरवाजे पर गई है. यही मेरे काम का आधार है. राय ने कहा कि मैं कक्षा आठ में पढ़ता था, तबसे संघ से जुड़ा हूं. हालांकि बाद में बीएचयू में जाने के बाद मे जाने के बाद में प्रखर हुआ हूं.
बीजेपी ने 7 उम्मीदवारों का किया ऐलान
बता दें कि बीजेपी ने 10 अप्रैल को यूपी के सात उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की थी, जिसमें इलाहाबाद से नीरज त्रिपाठी, गाजीपुर से पारस नाथ राय, फूलपुर से प्रवीण कुमार पटेल, मैनपुरी से जयवीर सिंह ठाकुर, कौशाम्बी से विनोद सोनकर, बलिया से नीरज शेखर और मछलीशहर से बीपी सरोज को चुनावी मैदान में उतारा गया है.