राहुल गांधी एक इंसान हैं – एक बेहद खूबसूरत इंसान
आत्मबल के धनी हैं, अपनी माँ से, बहन से और परिवार से बेहद प्यार करते हैं
इस देश से बेपनाह मोहब्बत करते हैं, अपने उसूलों के लिए पूरी शिद्दत से लड़ते हैं
सत्ता की लोलुपता में समझौता करने को तैयार नहीं होते, निडर और निर्भीक इतने कि विरोधी समझ ही नहीं पाते कैसे निपटा जाए
कोई उनका उपहास उड़ाये, भ्रांति फैलाये उससे उन्हें ज़रा सा फ़र्क़ नहीं पड़ता – इतना आत्मविश्वास वाक़ई में दुर्लभ होता है – लेकिन उनमें है
बातों बातों में ज़िंदगी की बड़ी बड़ी सीख दे देते हैं, बिना खोखला ज्ञान दिये अपने आचरण से एक बेहतर मनुष्य बनने के लिए प्रेरित करते हैं
खूब हंसते हैं और साथ वालों के साथ हँसी मज़ाक़ भी करते हैं
ज़बर्दस्त फिट हैं, खूब एक्सरसाइज करते हैं, सब कुछ खाते हैं, खूब सारा मीठा भी!
जी तोड़ मेहनत करते हैं – इस देश के कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर और मणिपुर से लेकर मुंबई तक यात्रा करना सबके बस की बात नहीं है
एक इंसान की तरह जब हैदराबाद से 12.30 बजे रात को वापस दिल्ली पहुँचते हैं तो ज़रूर थकते भी होंगे और टीम की पूरी एनर्जी से बात करने की हिदायत को भी हँस कर बोल देते हैं
यही हैं राहुल गांधी – एक खुली किताब, कैमरे के सामने और उसके पीछे दो अलग अलग व्यक्ति नहीं. यही सहजता उन्हें इतना ख़ास बनाती है. कोई बनावट नहीं, कोई लीपी पोती छवि नहीं
उनके पास किसी भी विषय की बहुत समझ है, फिर भी वो दूसरे की बात सुनते हैं, उनके विचारों को समझते हैं. एक ऊंचे टीले पर बैठकर अपने आपको महामानव की उपाधि नहीं देते.
राहुल गांधी एक बेहतरीन इंसान हैं, एक ईमानदार आदमी जिसके अंदर संवेदना है, बहुत सारा प्यार है – और जिसको देख कर सच्चाई पर यक़ीन और गहरा होता है.