ऋषिकेश गए और ये 5 जगह नहीं घूमे तो अधूरी रह जाएगी ट्रिप, जानें क्या है ऐसा खास?

उत्तराखंड में स्थित ऋषिकेश बेहद खूबसूरत पर्यटन स्थल है जहां भारी संख्या में लोग जाते हैं. यहां कुछ जगहें ऐसी हैं जहां आपको जरूर जाना चाहिए. अगर आप ऋषिकेश की ट्रिप प्लान कर रहे हैं तो आप ऋषिकेश की पांच जगहों पर जरूर जाएं.

ऋषिकेश को दुनिया की ‘योग की राजधानी’ कहा जाता है जहां आपको प्रकृति की गोद में बसे खूब सारे आश्रम और योग सेंटर मिल जाएंगे. राजधानी दिल्ली से साढ़े चार घंटे की दूरी पर बसा ऋषिकेश प्रकृति प्रेमियों को काफी पसंद आता है. हिमालय की गोद में बसा ऋषिकेश उत्तराखंड का धार्मिक शहर है. अगर आप ऋषिकेश जाने की प्लानिंग कर रहे हैं तो वहां की कुछ खास जगहें घूमना न भूलें

त्रिवेणी घाट- त्रिवेणी घाट गंगा, यमुना और सरस्वती, तीनों नदियों का संगम है जहां हर शाम ‘महा आरती’ होती है. इसे देखने के लिए हजारों लोग शाम को त्रिवेणी घाट में जमा होते हैं. माना जाता है कि त्रिवेणी घाट में डुबकी लगाने से इंसान के सारे पाप धुल जाते हैं और मन पवित्र होता है.

राजाजी नेशनल पार्क- सी राजगोपालाचारी के नाम पर इस पार्क का नाम राजाजी नेशनल पार्क रखा गया. यह उत्तराखंड का दूसरा टाइगर

राम झूला- ऋषिकेश का राम झूला सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है. 450 फीट लंबा राम झूला गंगा नदी के ऊपर स्थित है. झूले को साल 1986 में PWD ने बनवाया था..

बीटल्स आश्रम (चौरासी कुटिया)-

यहां जाकर आप योग और ध्यान कर सकते हैं. राजाजी जंगल क्षेत्र में स्थित चौरासी कुटिया जाने के लिए

चौरासी कुटिया आश्रम के परिसर में एक पुराना मंदिर, लाइब्रेरी, फूड कोर्ट, महर्षि योगी का घर मौजूद है. यहां कई झोपड़ियां मौजूद हैं जहां आप ध्यान कर सकते

नीरगढ़ झरना- पहाड़ी घाटियों में स्थित नीलगढ़ झरना ऋषिकेश का एक छिपा खजाना है. एडवेंचर लवर और प्रकृति प्रेमियों के लिए नीरगढ़ झरना बहुत अच्छी जगह है. यह लक्ष्मण झूला से पांच किमी दूरी पर है. यहां तीन प्रपात एक ही साथ पहाड़ से गिरते हैं जो काफी मनोरम दृश्य पैदा करता है.

इन जगहों के अलावा आप ऋषिकेश में कुंजापुरी मंदिर ट्रैकिंग, जंपिंग हाइट्स, शिवपुरी जैसी जगहों पर भी घूम सकते हैं

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हम आपको बता दें कि गुजरात में पार्टी का यह अधिवेशन 64 साल के बाद हो रहा है। इस अधिवेशन का विषय “न्याय पथ : संकल्प, समर्पण, संघर्ष” होगा। इस अधिवेशन के जरिए जिला कांग्रेस कमेटियों (डीसीसी) की शक्तियां बढ़ाने, संगठन सृजन के कार्य को तेज करने, चुनावी तैयारियों और पदाधिकारियों की जवाबदेही तय करने का निर्णय किया जाएगा। पार्टी के शीर्ष नेता, कार्य समिति के सदस्य, वरिष्ठ नेता और अखिल भारतीय कमेटी के सदस्य अधिवेशन में शामिल होंगे।

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