अतिथि शिक्षकों को मेहमान कहने वाले मंत्री उदय प्रताप सिंह ने जताया खे

मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह अतिथि शिक्षकों को ‘मेहमान’ बताने के बाद अब न सिर्फ विपक्ष के निशाने पर हैं। बल्कि भाजपा नेता भी उनका खुलकर समर्थन नहीं कर पा रहे हैं। अपने दिए बयान के बाद अब अतिथि शिक्षक उनके खिलाफ आंदोलनरत हैं और बड़े प्रदर्शन की तैयारी में थे। लेकिन उससे पहले ही मंत्री जी के सुर बदल गए और उन्होंने अपने स्टेटमेंट पर खेद व्यक्त किया है उन्होंने कहा कि ‘अतिथि शिक्षक तो हमारे अपने हैं। अगर उन्हें किसी प्रकार का दुख पहुंचा है तो मैं इस पर खेद व्यक्त करता हूं

दरअसल नरसिंहपुर पहुंचे स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह से मुख्य सवाल अतिथि शिक्षकों को लेकर पूछा गया। इस पर सफाई देते हुए उन्होंने कहा कि एक विषय निकला तो मैंने कहा कि पदनाम से ही विभाग में अतिथि हैं। बाकि प्राथमिकता हम दे सकते हैं वे हमारे अपने बच्चे हैं। कहीं कोई विसंगति नहीं है।जिन्होंने शिक्षण व्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान किया तो वे हमारे अपने हैं मैं इस पर खेद व्यक्त करता हूं। मुझे कोई संशय और संकोच नहीं है

अपनों के बीच में कोई विसंगति नहीं

मंत्री उदय प्रताप सिंह ने आगे कहा कि अपनों के बीच में किसी प्रकार विसंगति नहीं होनी चाहिए। जब हमनें उन्हें प्राथमिकता के क्रम में रखा है, उनकी पेचीदगी को दूर करने में लगे हैं, इससे ज्यादा विभाग क्या कर सकता है। बीच-बीच में वे निकल जाते थे। हमने वित्त विभाग को भेजा कि उनसे पूरा साल काम लिया जाए। बीच में जाने से रोजगार की समस्या होती है

विपक्ष के हमले पर जानिए क्या कहा

स्कूल शिक्षा मंत्री के बयान के बाद विपक्ष लगातार हमलावर है। इस पर उन्होंने कहा कि उनके पेट में दर्द नहीं होना चाहिए वह हमारे बच्चे हैं, हमारे साथ काम कर रहे हैं, हमारी अपनी समस्या इसमें कांग्रेस इसमें अवसर तलाशने की कोशिश न करे

यह था विवाद

बच्चों का भविष्य संवारने वाले मध्य प्रदेश के अतिथि शिक्षक को लेकर स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने बेहद अजीब बयान दिया था। मंत्री ने कहा- नाम क्या है उनका अतिथि…, आप मेहमान बनकर आओगे तो क्या घर पर कब्जा करोगे? अतिथि शिक्षकों को लेकर दिए इस बयान के बाद खिलाफ अतिथि शिक्षक और विपक्ष हमलावर थे

किसानों के सम्मान में निकाली गई न्याय यात्रा पर मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कांग्रेस के विरोध पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि यह आंदोलन किसानों का आंदोलन नहीं है। यह आंदोलन कांग्रेस का ट्रैक्टर आंदोलन है, जो नहीं चलेगा। उनके पास कोई काम नहीं है। 20 -24 साल से प्रदेश से बाहर हैं। 10-15 साल से केंद्र से बाहर हैं। कोई संभावना उनको दिख नहीं रही। उनका नेता दुनिया में घूम घूम कर भारत को अपमानित करने का काम करता है। देश भर में उनके खिलाफ एफआईआर हो रही है। इन सबसे निकलने का कोई न कोई बहाना तो होना चाहिए

 

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