भोपाल ! पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता अरुण यादव ने बाल श्रम की आरोपी सोम डिस्टलरी पर सरकार की कार्रवाई को अपर्याप्त बताते हुए सवाल उठाए हैं। सोशल मीडिया साइट एक्स पर ट्वीट करते हुए अरुण यादव ने लिखा है कि मासूम बचपन को कत्ल करने की सज़ा सिर्फ 20 दिन, मप्र में 59 लाड़ले – लाड़लियों से सोम डिस्टरलरीज में करवा रहे थे बालश्रम लेकिन खानापूर्ति के लिए सोम डिस्टरलरीज़ के लाइसेंस को सिर्फ 20 दिन के लिए निलंबित किया, यह कैसा न्याय है ?
अरुण यादव ने आरोप लगाया कि मध्यप्रदेश सरकार ने अब तक 583 करोड़ रुपये की वसूली को लेकर कोई कदम नहीं उठाया है और न ही सांठगांठ करने वाली बड़ी मछलियों (नेताओं – अधिकारियों) पर कोई कठोर कार्यवाही की है । अरुण यादव ने आगे लिखा है कि मेरी सरकार से मांग है लाइसेंस को स्थाई रूप से निरस्त किया जाए, साथ ही सरकार सोम डिस्टरलरीज़ से तत्काल 583 करोड़ रुपये की वसूली करे और शराब कंपनी से सांठ-गांठ करने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही करे।
बाल मजदूरी मामले में फैक्ट्री का लाइसेंस निलंबित
नाबालिगों से शराब बनवाने के मामले में शराब कंपनी सोम डिस्टिलरी पर मोहन सरकार की बड़ी कार्रवाई की गई है। सरकार ने इस कंपनी का लइसेंस निलंबित कर दिया है। बता दें कि कुछ दिन पहले इसी फैक्ट्री में 59 बच्चे शराब बनाते मिले थे। सीएम डॉ. मोहन यादव की नाराजगी के बाद जिला आबकारी अधिकारी, तीन आबकारी एसआई और एक श्रम निरीक्षक नप चुके है। बता दें कि अबतक की सबसे बड़ी कार्रवाई में से एक है। बच्चों से काम कराने की जानकारी सामने आने के बाद आबकारी विभाग ने सोम डिस्टलरी को नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब मांगा था, लेकिन कंपनी की ओर से संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया। लिहाजा, अब सरकार ने सोम डिस्टलरी को सील करने के आदेश जारी कर दिए हैं। माना जा रहा है कि इस मामले में लिप्ट अधिकारियों पर बर्खास्तगी की तलवार लटकी हुई है।