छत्तीसगढ़ कोयला घोटाला मामले में पूरक चालान पेशः IAS जयप्रकाश मौर्य, एडवोकेट पीयूष भाटिया समेत 9 को बनाया आरोपी

छत्तीसगढ़ कोयला घोटाला मामले में शुक्रवार को ED ने 9 आरोपियों के खिलाफ पूरक चालान (supplementary prosecution) पेश किया है। इनमें रानू साहू के पति IAS जयप्रकाश मौर्य समेत 9 लोगों को आरोपी बनाया गया है।

 

पेश किए गए चालान में बताया गया है कि आईएएस जयप्रकाश मौर्य रानू साहू के साथ मिलकर काम करते थे। निलंबित IAS रानू साहू पहले ही जेल में बंद है। इसके अलावा, सौम्या चौरसिया, सूर्यकांत तिवारी भी इस केस में जेल में बंद हैं।

अवैध कोल लेवी वसूली का मामला ED की रेड में सामने आया। दावा है कि, ऑनलाइन मिलने वाले परमिट को ऑफलाइन किया गया।

 

15 जुलाई 2020 को इसके लिए आदेश जारी किया गया था। खनिज विभाग के तत्कालीन संचालक IAS समीर बिश्नोई ने आदेश जारी किया था।

 

यह परमिट कोल परिवहन में कोल व्यापारियों से लिया जाता है। पूरे मामले का मास्टरमाइंड किंगपिन कोल व्यापारी सूर्यकांत तिवारी को माना गया।

 

जो व्यापारी पैसे देता उसे ही खनिज विभाग से पीट और परिवहन पास जारी होता था।

 

यह रकम 25 रुपए प्रति टन के हिसाब से सूर्यकांत के कर्मचारियों के पास जमा होती थी।

इस तरह से स्कैम कर कुल 570 करोड़ रुपए की वसूली की गई

हेमंत और वीरेंद्र अवैध कोल लेवी वसूली में सक्रिय रहे हैं। इसके अलावा पारिख और राहुल पर आरोप है कि दोनों कोल घोटाले मामले के किंग पिन सूर्यकांत तिवारी के साथ मिलकर काम करते थे। इन सभी पर आरोप है कि कोयला लेवी के पैसों का कलेक्शन करते थे और उसे सिंडिकेट से जुड़े लोगों और अधिकारियों तक पहुंचाते थे। साथ ही जोगिंदर सिंह, रामगोपाल व पीयूष भाटिया की भी घोटाले में विशेष भूमिका बताई गई है।

 

 

 

30 जनवरी को ED ने सीज की 50 करोड़ की संपत्ति

 

 

 

कोयला घोटाले मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने 30 जनवरी को बड़ी कार्रवाई करते हुए घोटाले से जुड़े लोगों की संपत्ति कुर्क की थी। इनमें बैंक बैलेंस, वाहन, नगदी, जेवरात और जमीन सहित 100 से अधिक चल और अचल संपत्तियां शामिल थी। इसकी कुल कीमत 49.73 करोड़ रुपए है।

 

 

 

ये संपत्तियां कोयला घोटाले के कथित मास्टरमाइंड सूर्यकांत तिवारी के साथ बाकी आरोपियों की भी है। ईडी की जांच में पता चला है कि कुछ लोगों ने पिछली सरकार में रहे नेताओं और वरिष्ठ राज्य अधिकारियों से मिलीभगत कर कोयला ट्रांसपोर्टर्स से जबरन वसूली की।

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