चुनाव चिन्ह घड़ी से नाराज शरद पवार पहुंच गए सुप्रीम कोर्ट

महाराष्ट्र में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं, इसलिए वहां का राजनीतिक माहौल काफी गरम हो गया है. सभी पार्टियों ने प्रचार-प्रसार शुरू कर दिया है. इसी बीच चाचा शरद पवार ने सुप्रीम कोर्ट में एक नई याचिका दायर की है, जिसमे उन्होंने भतीजे अजित पवार को विधानसभा चुनावों में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रतिष्ठित ‘घड़ी’ चिह्न का उपयोग करने से रोकने की मांग की है

क्या है पूरा मामला

दरअसल, आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में अजित पवार ने अपनी पार्टी का चुआव चिन्ह घड़ी रखा है. इसको लेकर नाराज शरद पवार ने सुप्रीम कोर्ट में एक नई याचिका दायर की है, जिसमे उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रतिष्ठित ‘घड़ी’ चिह्न का उपयोग करने से रोकने की मांग की गई है. शरद पवार ने इस याचिका में तर्क दिया है कि मतदाताओं के बीच भ्रम से बचने के लिए अजित पवार को नए चुनाव चिह्न के लिए आवेदन करना चाहिए. याचिका में चुनावी प्रक्रिया के दौरान निष्पक्षता और स्पष्टता बनाने की बात कही गई है.

कब है अगली सुनवाई

शरद पवार, जिन्हें भारत के चुनाव आयोग द्वारा अस्थायी रूप से “तुरहा उड़ाता हुआ आदमी” चिह्न दिया गया था.उन्होंने एनसीपी और घड़ी चिह्न के बीच 25 साल के जुड़ाव को रेखांकित किया, ये काम विशेष रूप से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में उनके नेतृत्व में हुआ.याचिका में आगे कहा गया कि चुनाव चिह्न से जनता गुमराह हो सकती है ऐसे में जनता गुमराह हो जाएगी.

याचिका में हाल के संसदीय चुनावों के दौरान देखे गए मतदाता भ्रम का भी उल्लेख किया गया है, जिसमें सुझाव दिया गया है कि निर्वाचन क्षेत्रों के छोटे आकार के कारण आगामी विधानसभा चुनावों में यह मुद्दा और भी अधिक स्पष्ट हो सकता है.

याचिका में कहा गया है कि निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने और मतदाताओं के भ्रम का फायदा उठाने से किसी भी दुर्भावनापूर्ण व्यक्ति को रोकने के लिए, अजीत पवार को एक अलग चुनाव चिन्ह चुनने के लिए बाध्य किया जाना चाहिए.सुप्रीम कोर्ट द्वारा 15 अक्टूबर को मामले की सुनवाई किए जाने की उम्मीद है

 

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हम आपको बता दें कि गुजरात में पार्टी का यह अधिवेशन 64 साल के बाद हो रहा है। इस अधिवेशन का विषय “न्याय पथ : संकल्प, समर्पण, संघर्ष” होगा। इस अधिवेशन के जरिए जिला कांग्रेस कमेटियों (डीसीसी) की शक्तियां बढ़ाने, संगठन सृजन के कार्य को तेज करने, चुनावी तैयारियों और पदाधिकारियों की जवाबदेही तय करने का निर्णय किया जाएगा। पार्टी के शीर्ष नेता, कार्य समिति के सदस्य, वरिष्ठ नेता और अखिल भारतीय कमेटी के सदस्य अधिवेशन में शामिल होंगे।

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