इसमें किसी को संदेह नहीं है कि अफसरी से राजनीति में आये ओपी चौधरी न केवल चतुर व्यक्ति है बल्कि डबल इंजन की सरकार में उनकी पकड़ भी बेहद मजबूत है। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के द्वारा भरे मंच में पीठ ठोंकने के बाद ओपी चौधरी का रुतबा जिस तेजी से बढ़ा, उतनी ही तेज़ी से उनकी छवि शिक्षक भती वाले वीडियो वायरल होने के बाद बिगड़ने लगी है कहा जाए तो गलत नहीं होगा
कहा तो यहां तक जा रहा है कि वित्त मंत्री बनने के बाद जिस तरह से उन्होंने शासन-प्रशासन में अपनी पकड़ मजबूत की उतनी ही तेजी से युवाओं में उनकी छवि फ़िसलने लगी है। तो इसकी बड़ी वजह 33 हजार शिक्षकों की भर्ती नहीं होने के अलावा नियमितिकरण को लेकर चलने वाला आन्दोलन भी है
सूत्रों की माने तो इस बिगड़ती छवि की जानकारी ओपी चौधरी को भी लग गई है इसलिए वे इन दिनों अपनी छवि सुधारने के नाना प्रकार के उपाय कर रहे हैं। जनसंपर्क की पूरी टीम के अलावा पत्रकारों में घुसपैठ बनाने कोरबा का एक व्यापारी भी सक्रिय है, लेकिन भोपाल वाली खबर ने एक बार फिर पोर्टल वालों की डिमांड बढ़ा दी है। ऐसे में ओपी चौधरी की मुश्किल यह है कि छवि सुधारने के खेल में छवि बिगड़ने का खतरा भी बढ़ गया है और जहां गुड़ वहां मक्खी की तर्ज पर चल रहे इस खेल का अंजाम क्या होगा कहना मुश्किल है लेकिन छवि सुधारने में खतरे तो उठाने हो होगे