सिध्दारमैया घोषित भ्रष्टाचारी’ मंत्री कैलाश ने कर्नाटक के सीएम-डिप्टी सीएम से मांगा इस्तीफा कश्मीर मुद्दे को लेकर कही ये बड़ी बात

मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का बड़ा बयान सामने आया हैं। उन्होंने कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार को भ्रष्टाचारी बताया है। साथ ही उन्होंने इस्तीफे की मांग की है। इसके अलावा मंत्री कैलाश ने कश्मीर के मुद्दे पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी है

बुधवार को इंदौर में मीडिया से चर्चार करते हुए मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने राजनीतिक मुद्दों पर अपनी राय रखी। उन्होंने सिद्धारमैया को लेकर आए कोर्ट के निर्णय पर कहा कि वे घोषित भ्रष्टाचारी हैं। जितना भ्रष्टाचार सिद्धारमैया ने किया उतना किसी मुख्यमंत्री ने नहीं किया है। अब तो कोर्ट ने भी उन्हें भ्रष्टाचारी मुख्यमंत्री का सर्टिफिकेट दे दिया है। इसलिए नैतिकता के आधार पर उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए

कश्मीर के मुद्दे को लेकर कही ये बात

वहीं कश्मीर के मुद्दे को लेकर मंत्री कैलाश ने कहा कि इस मामले में कांग्रेस का चेहरा बेनकाब हो रहा है। जनता को अब विचार करना चाहिए कि देश में धारा 370 की आवश्यकता है या नहीं। जब पंडित जवाहरलाल नेहरू ने कश्मीर में धारा 370 लगाई थी, तब बाबा अंबेडकर ने कहा था कि यह संविधान के साथ छेड़छाड़ है और कांग्रेस ने धारा 370 लगाकर दलितों का आरक्षण समाप्त कर दिया है। हमने धारा 370 हटाकर जम्मू कश्मीर के दलित भाइयों को आरक्षण दिया है

कांग्रेस पर साधा निशाना

साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस हम पर आरोप लगाती है कि हम संविधान खत्म कर रहे हैं, जबकि संविधान खत्म करने का काम कांग्रेस ने किया है, और हम पर आरोप लगाते हैं। जम्मू कश्मीर के भाइयों को आरक्षण देने का काम हमने किया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस पूरे प्रकरण में कांग्रेस का चेहरा उजागर हो गया है कि उन्होंने कश्मीर में उस नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी से समझौता किया, जिसने अपने मेनिफेस्टो में धारा 370 लगाने की बात कही है। क्या कांग्रेस का हाथ आतंकवादियों के साथ है इसका जवाब देश की जनता को देना होगा। मंत्री कैलाश ने कहा कि जम्मू कश्मीर में वोटिंग हो रही है और यकीन है कि वहां बीजेपी की सरकार बनेगी

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हम आपको बता दें कि गुजरात में पार्टी का यह अधिवेशन 64 साल के बाद हो रहा है। इस अधिवेशन का विषय “न्याय पथ : संकल्प, समर्पण, संघर्ष” होगा। इस अधिवेशन के जरिए जिला कांग्रेस कमेटियों (डीसीसी) की शक्तियां बढ़ाने, संगठन सृजन के कार्य को तेज करने, चुनावी तैयारियों और पदाधिकारियों की जवाबदेही तय करने का निर्णय किया जाएगा। पार्टी के शीर्ष नेता, कार्य समिति के सदस्य, वरिष्ठ नेता और अखिल भारतीय कमेटी के सदस्य अधिवेशन में शामिल होंगे।

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