न्यायिक प्रक्रिया से लोग इतने तग आ चुके है कि वे महज समझौता चाहते है प्रधान न्यायाधीश

भारत के प्रधान न्यायाधीश डी वाई चद्रचूड ने शनिवार को वैकल्पिक विवाद निवारण तत्र के रूप में लोक अदालतो की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि लोग अदालतो के मामलो से इतने तग आ गए है कि वे बस समझौता चाहते है लोक अदालतें ऐसा मच है जहा न्यायालयो मे लबित या मुकदमेबाजी से पहले के विवादो और मामलो का निपटारा या सौहार्दपूर्ण ढग से समझौता किया जाता है पारस्परिक रूप से स्वीकृत समझौते के विरुद्ध कोई अपील दायर नही की जा सकती चद्रचूड ने उच्चतम न्यायालय मे विशेष लोक अदालत सप्ताह के उपलक्ष्य मे कहा लोग इतना परेशान हो जाते हैअदालत के मामलो से कि वे कोई भी समझौता चाहते है बस अदालत से दूर करा दीजिए यह प्रक्रिया ही सजा है और यह हम सभी न्यायाधीशो के लिए चिता का विषय है मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि उन्हे हर स्तर पर लोक अदालत के आयोजन में बार और बेच सहित सभी से जबरदस्त समर्थन और सहयोग मिला। चद्रचूड ने कहा कि जब लोक अदालत के लिए पैनल गठित किए गए थे तो यह सुनिश्चित किया गया था कि प्रत्येक पैनल मे दो न्यायाधीश और बार के दो सदस्य होगे चद्रचूड ने कहा कि उन्हे सचमुच मे लगता है कि उच्चतम न्यायालय भले ही दिल्ली में स्थित हो लेकिन यह दिल्ली का उच्चतम न्यायालय नहीं है। यह भारत का उच्चतम न्यायालय है चद्रचूड ने कहा लोक अदालत का उद्देश्य लोगो के घरो तक न्याय पहुचाना और लोगो को यह सुनिश्चित करना है कि हम उनके जीवन में निरतर मौजूद है

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हम आपको बता दें कि गुजरात में पार्टी का यह अधिवेशन 64 साल के बाद हो रहा है। इस अधिवेशन का विषय “न्याय पथ : संकल्प, समर्पण, संघर्ष” होगा। इस अधिवेशन के जरिए जिला कांग्रेस कमेटियों (डीसीसी) की शक्तियां बढ़ाने, संगठन सृजन के कार्य को तेज करने, चुनावी तैयारियों और पदाधिकारियों की जवाबदेही तय करने का निर्णय किया जाएगा। पार्टी के शीर्ष नेता, कार्य समिति के सदस्य, वरिष्ठ नेता और अखिल भारतीय कमेटी के सदस्य अधिवेशन में शामिल होंगे।

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