भारत के नियत्रक एव महालेखा परीक्षक (CAG) ने छत्तीसगढ मे सरकारी स्वास्थ्य कर्मियो की कमी दवाओ और चिकित्सा उपकरणो की खरीद मे अनियमितताओ को उजागर किया है दरअसल छत्तीसगढ विधानसभा मे शुक्रवार को मार्च 2022 को समाप्त वर्ष के लिए भारत के नियत्रक व महालेखा परीक्षक का लोक स्वास्थ्य अधोसरचना व स्वास्थ्य सेवाओ के प्रबधन पर निष्पादन लेखापरीक्षा पटल पर रखा गया
जनशक्ति की उपलब्धता मे 34% कमी
रिपोर्ट में बताया गया है कि राज्य के स्वास्थ्य विभाग मे स्वीकृत 74,797 पदो के मुकाबले जनशक्ति की उपलब्धता मे कुल मिलाकर 34 प्रतिशत (25,793) की कमी है हालाकि 2016-22 के दौरान राज्य के डाक्टर जनसख्या अनुपात (1: 2492) मे सुधार हुआ था लेकिन यह डब्ल्यूएचओ के मानदड 1:1000 और राष्ट्रीय अनुपात 1:1456 से काफी पीछे था
172 सामुदायिक स्वास्थ्य केद्रो मे डाक्टरो की कमी
रिपोर्ट मे कहा गया है कि जनसख्या के आधार पर डाक्टरो के पद समान रूप से स्वीकृत नही किए गए थे जिसके परिणामस्वरूप जिलों में संचालक स्वास्थ्य सेवाओ के अतर्गत डाक्टरो कमी रही रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि 23 जिला अस्पतालो मे स्वीकृत पदों के मुकाबले विशेषज्ञ डाक्टरो (33%) चिकित्सा अधिकारियो (4%) और पैरामेडिक्स (13 प्रतिशत) की उपलब्धता मे कमी थी। 172 सामुदायिक स्वास्थ्य केद्रो मे स्वीकृत पदो के मुकाबले विशेषज्ञ डाक्टरो (72%) और डाक्टरो (15%) की कमी थी
एएनएम के 17% पद रिक्त
रिपोर्ट में कहा गया है कि 4,996 उप स्वास्थ्य केद्रो मे स्वीकृत पदो के मुकाबले एएनएम (सहायक नर्स दाई) के 17% पद रिक्त थे। 502 एसएचसी मे कोई एएनएम तैनात नही थी और इस प्रकार इन एसएचसी मे गर्भवती महिलाओ को आवश्यक मातृत्व सेवाएं प्रदान नहीं की जा सकी
रिपोर्ट मे आगे कहा गया है कि छत्तीसगढ सरकार ने स्वास्थ्य विभाग के तहत दवाओ औषधियो और उपकरणो की सभी खरीद और आपूर्ति के लिए 2010 मे छत्तीसगढ राज्य चिकित्सा सेवा निगम लिमिटेड (सीजीएमएससीएल) की स्थापना एक केद्रीकृत नोडल एजेंसी के रूप में की थी
3753 करोड की खरीदी मे अनियमितता
2016-22 के दौरान स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग ने 3,753.18 करोड रुपये मूल्य की दवाओ दवाओ और उपकरणो की खरीद की थी एक केद्रीकृत खरीद एजेसी होने के बावजूद 2016-22 के दौरान कुल खरीद के 26.79 से 50.65 प्रतिशत तक दवाओ औषधियो और उपभोग्य सामग्रियो की खरीद स्थानीय खरीद (विकेद्रीकृत खरीद) के माध्यम से की गई थी
रिपोर्ट मे कहा गया है कि सीजीएमएससीएल छत्तीसगढ भडार क्रय नियम (सीजीएसपीआर) के अनुरूप खरीद मैनुअल तैयार करने में विफल रहा जिसके कारण कई मामलो मे सीजीएसपीआर का उल्लंघन करते हुए खरीदारी की गई
दवाओ और उपकरणो की आपूर्ति मे हुई देरी
रिपोर्ट के मुताबिक सीजीएमएससीएल द्वारा दर अनुबधो (RC) के लिए अतिम रूप दिए गए कुल 278 निविदाओ मे से 165 निविदाओ को 2016-22 के दौरान तीन से 694 दिनो की देरी से अतिम रूप दिया गया जिसके परिणामस्वरूप दवाओ और उपकरणों की आपूर्ति मे देरी हुई अतिम रूप देने में देरी के परिणामस्वरूप दवाओ की स्थानीय खरीद अधिक दरो पर हुई
रिपोर्ट मे कहा गया है कि आवश्यक बुनियादी ढांचे की आवश्यकता/उपलब्धता सुनिश्चित किए बिना उपकरण खरीदे गए जिसके परिणामस्वरूप 49.68 करोड रुपये के उपकरण बेकार हो गए इसमे कहा गया है कि 23.98 करोड रुपये की दवाए ब्लैक लिस्टेड फर्मो से खरीदी गई
इसमे कहा गया है कि दवाओ की सामग्री प्रबधन प्रणाली मे कमी थी क्योकि सीजीएमएससीएल ने अपने गोदामो मे उपलब्ध स्टाक पिछली खपत और भविष्य की आवश्यकता पर विचार किए बिना खरीद आदेश दिए जिसके परिणामस्वरूप 33.63 करोड रुपये की दवाए एक्सपायर हो गई
कोविड सबधित वस्तुओ की खरीदी मे भी अनियमिता
रिपोर्ट मे कहा गया है कि सीजीएमएससीएल ने कोविड समिति की सिफारिश के बिना 23.13 करोड रुपये की कोविड-19 सबधित वस्तुओ की खरीद की थी जो अनियमित था