मामूली गलती’ पर भी नौकरी से हाथ धो बैठेंगे, SC के फैसले से समझ लें CRPF का नियम

CRPF News in Hindi: आप सीआरपीएफ- सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स का हिस्सा हैं या CRPF Bharti की तैयारी कर रहे हैं, तो ये खबर जरूर पढ़ लें। अगर इस सरकारी नौकरी में रहते हुए आपसे ‘गलती’ हुई, तो आपको सजा के तौर पर कंपलसरी रिटायरमेंट दिया जा सकता है। यानी आप सीआरपीएफ जॉब गंवा बैठेंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने सीआरपीएफ के उस नियम को बरकरार रखा है जिसमें ये प्रा‌वधान है कि सजा के तौर पर कंपलसरी रिटायरमेंट दिया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीआरपीएफ एक्ट के तहत मामूली सजा के तौर पर कंपलसरी रिटायरमेंट दिया जा सकता है। केंद्र सरकार को यह लिबर्टी है। सुप्रीम कोर्ट ने सीआरपीएफ एक्ट 1949 का हवाला देकर कहा कि कंट्रोल शब्द के मायने यहां अनुशासनात्मक कंट्रोल है।

एक्ट केंद्र सरकार के अपनी फोर्स पर कंट्रोल की बात करता है और उसके तहत अनुशासनात्मक कंट्रोल आता है। केंद्र सरकार को इस बात की छूट है कि वह सजा के तौर पर कंपलसरी रिटायरमेंट दे सकती है। एक्ट की धारा-11 मे तमाम सजा का प्रावधान किया गया है।

CRPF जवान को मिली मारपीट करने की सजा

मौजूदा मामले में सीआरपीएफ के एक जवान को सजा के तौर पर कंपलसरी रिटायरमेंट दिया गया था। उस पर आरोप था कि उसने अपने साथी के साथ मारपीट की है। इस शख्स ने डिपार्टमेंटल अपील दाखिल की। डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल ने अर्जी खारिज कर दी। इसके बाद मामला उड़ीसा हाई कोर्ट के सामने आया जिसने पूर्व हेड कॉन्स्टेबल की अर्जी स्वीकार कर ली और कहा कि सीआरपीएफ एक्ट की धारा-11 (1) में कंपलसरी रिटायरमेंट सजा के तौर पर परिभाषित नहीं है।

इसके बाद केंद्र सरकार ने हेड कॉन्स्टेबल को प्रतिवादी बनाते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट में केंद्र ने कहा कि एक्ट में सजा के तौर पर कंपलसरी रिटायरमेंट का प्रावधान है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की बात स्वीकार कर कहा कि हेड कॉन्स्टेबल को जो सजा दी गई है, उसमें दखल की जररूत नहीं है।

 

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